पटाखा व्यापार में जीएसटी चोरी की चमक
जिले की सीमाओं पर ही चैकिंग शुरू हो तो पकड़ी जा सकती है जीएसटी की बड़ी चोरी
खबरवाणी न्यूज, बैतूल
मध्यप्रदेश समेत पूरे भारत में पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है, यह दर पटाखे, सिग्नलिंग फ्लेयर्स और रेन रॉकेटजैसी आतिशबाजी की अन्य वस्तुओं पर लागू है। इस 18 प्रतिशत जीएसटी को सेंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी में आधा-आधा यानी 9 प्रतिशत सेंट्रल जीएसटी और 9 प्रतिशत स्टेट जीएसटी में बांटा जाता है। दीपावली पर पूरे प्रदेश में कई सौ करोड़ रुपए का पटाखा व्यापार होता है, पर सूत्र बताते हैं कि वास्तविक विक्रय और टैक्स पेड विक्रय में जमीन आसमान का फर्क होता है।
पटाखों के होलसेल व्यापारी जो सीधे पटाखा निर्माता कंपनियों से माल खरीदते हैं वहीं से टैक्स चोरी का खेल शुरू होता है। यदि जीएसटी विभाग दक्षिण भारत की तरफ से आने वाले पटाखे के वाहनों को चैक करना शुरू करे तो प्रदेश में करोड़ों रुपए का जीएसटी सरकार के खाते में जमा हो सकता है। अब बात करें बैतूल की तो बैतूल में गिनती के चार-पांच होलसेल पटाखा व्यवसायी हैं जो हर वर्ष करोड़ों का माल जिले में सप्लाई करते हैं और जीएसटी के नाम पर नाम मात्र की राशि जमा की जाती है। क्योंकि पहले ही परिवहन के दौरान ही टैक्स चोरी का दौर शुरू हो जाता है जो फुटकर बिक्री के दौरान सिर चढक़र बोलता है। फुटकर बिक्री में ज्यादातर छोटे दुकानदार अस्थायी विस्फोटक लाइसेंस पर पटाखा विक्रय करते हैं और यह होलसेल व्यापारी उन्हें बिना बिल का माल लेने का दबाव बनाते हैं और यदि दिखावे के लिए बिल दिया भी जाता है तो उसमें माल कुछ और दिया जाता है और दर्शाया कुछ और जाता है।
यहां तक कि सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अघोषित गोडाउन बना रखें हैं, जहां से इन होलसेल पटाखा व्यापारियों के कर्मचारी छोटे व्यापारियों को इन गोडाउनों पर ले जाकर बिना बिल का माल नगद भुगतान के बाद सप्लाई करते हैं।
पूर्व में भी कई बार इसकी शिकायत हो चुकी है पर जीएसटी विभाग और जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले साल दर साल बुलंद होते जा रहे हैं। यदि जीएसटी विभाग द्वारा समय रहते इन पर कार्रवाई की जाती है तो वर्षों से चले आ रहे इस कर चोरी के काले कारोबार को नियंत्रित किया जा सकता है।
विस्फोटक अधिनियम के तहत इन सभी होलसेल व्यापारियों ने अपने गोडाउन तो शहर से कई किलोमीटर दूर बना रखे हैं पर जैसे ही दीवाली का समय पास आता है कि इन गोडाउनों से माल शहर के अघोषित गोडाउनों में लाकर रख लिया जाता है। यदि रहवासी क्षेत्रों में स्थित इन अघोषित गोडाउनों में कोई दुर्घटना हो जाती है तो बड़ी जान माल की हानि को टाला नहीं जा सकेगा। गौरतलब है कि जिले में भले ही बड़े व्यापारी जीएसटी चोरी कर लेते हों लेकिन फुटकर व्यापारी खरीदारों से पूरा जीएसटी वसूलते हैं।
पटाखा व्यापार में जीएसटी चोरी की चमक जिले की सीमाओं पर ही चैकिंग शुरू हो तो पकड़ी जा सकती है जीएसटी की बड़ी चोरी
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