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अब 5 लाख नहीं, 10 लाख तक सुरक्षित रहेंगे बैंक में आपके पैसे! DICGC की लिमिट बढ़ाने की तैयारी

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Bank Deposit Insurance: हर एक अंतराल पर कोई न कोई बैंक किसी न किसी संकट से गुजर रहा होता है. ऐसे में बैंक में डिपॉजिट करने वाले लोग चिंता में रहते हैं कि उनकी जमा पूंजी का क्या होगा. इस चिंता को कुछ हद तक दूर करने के लिए बैंक के डिपॉजिट का इंश्योरेंस होता है. इसके तहत 5 लाख तक की जमा पूरी तरह सुरक्षित होती है. लेकिन अगर किसी की जमा 5 लाख रुपये से ज्यादा हो तो वो पैसा डूब जाता है. वहीं अब खबर है कि सरकार इस 5 लाख के इंश्योरेंस कवर की लिमिट को बढ़ाने की तैयारी कर रही है ताकि जमाकर्ताओं को ज्यादा सुरक्षा मिल सके. आइए जानते हैं कितनी लिमिट बढ़ सकती है और ये बदलाव कब से लागू हो सकता है.

6 महीने बाद बढ़ाई जा सकती है लिमिट

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 6 महीने में डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट में बदलाव किया जा सकता है. वित्त मंत्रालय से ऐसे संकेत मिले हैं कि ये लिमिट 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की जा सकती है. लेकिन आधिकारिक रूप से इस पर कोई घोषणा नहीं हुई है.

5 लाख तक की लिमिट को 2020 में तय किया गया था, जब PMC बैंक संकट में आया था और लाखों जमाकर्ता प्रभावित हुए थे. उससे पहले यह लिमिट 1993 से 1 लाख रुपये पर ही अटकी हुई थी.

डिपॉजिट कितना सुरक्षित है?

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के अनुसार-

  • 31 मार्च 2024 तक 2.89 अरब खातों में से लगभग 98% खातों को पूरी तरह से 5 लाख तक के इंश्योरेंस के तहत सुरक्षा मिली हुई है.
  • लेकिन अगर टोटल डिपॉजिट को देखें तो यह इंश्योरेंस केवल 43.1% अमाउंट को ही कवर करता है.

कितने बैंक सुरक्षित?

RBI की सहायक इकाई DICGC के पास 2023-24 के अंत में-

  • 1.98 लाख करोड़ का डिपॉजिट इंश्योरेंस फंड था.
  • इसी साल में 1,432 करोड़ रुपये इंश्योरेंस क्लेम के तहत डिपॉजिटर्स को दिए गए क्लेम को-ऑपरेटिव बैंकों से जुड़े थे.
  • इंश्योरेंस प्रीमियम से 23,879 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी.
  • कुल 1,997 बैंक इसके तहत रजिस्टर्ड हैं जिनमें 140 कमर्शियल और 1,857 को-ऑपरेटिव बैंक हैं.

1976 में थी 20 हजार की लिमिट

डिपॉजिट इंश्योरेंस की शुरुआत 1962 में हुई थी जब इंश्योरेंस की लिमिट सिर्फ 1,500 रुपये थी:

  • 1976 में 20,000
  • 1980 में 30,000
  • 1993 में 1 लाख
  • 2020 में 5 लाख
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