राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीते तीन गोल्ड मेडल
Gold medal: बैतूल। प्रतिभाएं शहरों में ही नहीं बल्कि गांव में भी होती हैं। यह साबित कर दिया है छोटे से गांव भडूस की बेटियों ने। जिन्होंने अपनी प्रतिभा का परचम राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लहरा दिया और जिले का नाम रोशन किया। सीहोर में आयोजित 68 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में भडूस गांव के खिलाड़ियों ने 9 गोल्ड मेडल जीते हैं।
जिसमें बेटियों ने 3 गोल्ड मेडल जीतकर नेशनल टूर्नामेंट में अपना स्थान बना लिया है। प्रतियोगिता से वापस आए विजयी खिलाड़ियों ने जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल कुशवाह से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने नेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने के लिए शुभकामनाएं दी।
जिले को मिली चैम्पियनशीप
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल सिंह कुशवाह ने बताया कि सीहोर में 68 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में जिले से 15 बच्चे शामिल हुए थे। यह सभी बच्चे उच्चतर माध्यमिक एकीकृत विद्यालय भडूस के हैं। इन बच्चों में पलक परिहार ने – 45 किग्रा., रेणुका साहू ने – 40 किग्रा., लक्ष्मी साहू ने – 59 किग्रा. वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके अलावा तीन बच्चों ने सिल्वर मेडल और तीन बच्चों ने ब्रांस मेडल जीतकर जिले का गौरव बढ़ाया है। डॉ. कुशवाह ने बताया कि प्रतियोगिता के कुल 39 मैडल में से बैतूल जिले को 9 मैडल मिले हैं जिसके लिए बैतूल जिले को चैम्पियनशीप मिली है। गोल्ड मैडल जीतने वाले बच्चे नेशनल टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए मणीपुर के इम्फाल जाएंगे। इन विद्यार्थियों की उपलब्धि पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों, क्रीड़ा शिक्षकों और सभी ने उन्हें बधाई देते हुए नेशनल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं भी दी है।
सबसे ज्यादा मेडल बैतूल जिले को मिले
जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन से इन बच्चों ने मुलाकात की और उनको प्रतियोगिता में मिले मेडल की जानकारी दी। इस पर श्री जैन ने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए आगे भी बेहतर प्रदर्शन करने की बात कही है। श्री जैन ने कहा कि सीहोर में आयोजित प्रतियोगिता में भडूस के बच्चों ने जो उपलब्धि हासिल की है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि बैतूल में कुल 9 मेडल मिले हैं। मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी उपलब्धि बैतूल जिले को मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्कूल के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि बच्चों के हुनर को निखारने के लिए जो भी संसाधनों की आवश्यकता होगी उसे पूरा कराया जाएगा ताकि बच्चे और अधिक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके।