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Eco Track Device in Buses – ईको ट्रेक डिवाइस बस आपरेटरों के लिए बनी मुसीबत

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आपरेटर बोले कंपनी ले रही है दो गुने पैसे

बैतूल – Eco Track Devce in Buses – सरकार ने स्कूल बस और यात्री बसों में ईको ट्रेक डिवाईस लगाने का निर्णय लिया था और जिले स्तर पर कंपनियों को डिवाइस इंस्टाल करने का ठेका दिया था। बस आपरेटरों ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि घटिया डिवाइस लगाई जा रही है। इस डिवाइस की कीमत बाजार में 3-4 हजार रुपए है। और कंपनी इसे लगाने के 13 हजार 500 रुपए ले रही है। हालांकि इसको लेकर पूरे प्रदेश में बस आपरेटरों ने विरोध किया है और शिकायत दर्ज कराई है।

कंपनी से ही डिवाइस लगाने के हैं निर्देश(Eco Track Devce in Buses)

सरकार ने स्कूल बस और यात्री बसों में बच्चों और यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से ईको ट्रेक डिवाइस लगाने का निर्णय लिया था। इस डिवाइस में जीएसएम, जीपीआरएस और जीपीएस ट्रेकर लगाया जाता है। जिसमें बीएसएनएल की सिम, बीटीएस डिवाइस और पैनिक बटन लगाया जाता है। पैनिक बटन के दबाते ही कंट्रोल रूम में सूचना पहुंच जाती है कि संबंधित बस में कोई घटना या खराबी आ गई है। उससे संबंधित एजेंसी लोकेशन पर पहुंचकर मदद करेगी। इस डिवाइस को लगाने के लिए सरकार ने कुछ कंपनियों को ठेका दिया है। साथ ही संबंधित जिले में जिस कंपनी को ठेका मिला है उससे ही इस डिवाइस को लगवाना है। बैतूल में प्रधान ट्रेडर्स एण्ड मैन्यू फ्रैक्चरिंग कंपनी को ठेका दिया गया है।

13500 में होता है डिवाइस का इंस्टालेशन(Eco Track Devce in Buses)

मिली जानकारी के अनुसार बसों में ईको ट्रैक नाम की जो डिवाइस है उसके इंस्टालेशन का चार्ज 13500 रुपए है। कंपनी के द्वारा इस डिवाइस में जो बीएसएनएल की सिम लग रही है उसका चार्ज 2400 रुपए लिया जा रहा है। इसके अलावा बीटीएस डिवाइस का चार्ज 9 हजार 900 रुपए, पैनिक बटन का चार्ज 220 रुपए और इंस्टालेशन चार्ज 1 हजार रुपए लिया जा रहा है। यह चार्ज जीएसटी सहित है। चार्ज में 20 रुपए इसलिए काट दिए जाते हैं कि भुगतान राउंड फिगर में किया जाए।

दोगुना चार्ज ले रही है कंपनी(Eco Track Devce in Buses)

जिले में लगभग 350 बसें चल रही हैं और इन बसों में यह डिवाइस लगना है। बैतूल जिला बस आपरेटर संघ के अध्यक्ष विकास मोनू आर्य ने आरोप लगाया है कि डिवाइस घटिया किस्म की हैं। कई जगह सिग्रल नहीं पकड़ती है और डिवाइस को लगाने में तीन दिन लगते हैं जिसके कारण बस आपरेटर को आर्थिक नुकसान हो रहा है। श्री आर्य का कहना है कि यह डिवाइस बाजार में 3-4 हजार रुपए में आती है। कंपनी इसके 13 हजार 500 रुपए ले रही है। उनका यह भी आरोप है कि जो नई बसें आ रही हैं वह इलेक्ट्रानिक हैं और इस डिवाइस के लगने के कारण वायरिंग शार्ट हो रही है। वायरिंग बदलवाने के लिए 38 हजार रुपए का खर्च आता है। सरकार ने इसके लिए बकायदा कंपनी को अधिकृत कर दिया है कि उसके अलावा किसी और से नहीं लगवा सकते हैं। आरटीओ में भी फिटनेस तभी मिलेगा जब यह डिवाइस लग जाएगी जिसके कारण बस आपरेटर इसे जबरिया दबाव में कार्य कराने की बात कह रहे हैं।

सरकार से बात कर ले आपरेटर(Eco Track Devce in Buses)

बैतूल जिले में डिवाइस लगाने का ठेका लेने वाली कंपनी प्रधान ट्रेडर्स एण्ड मैन्यू फ्रैक्चरिंग वर्क के प्रोपराइटर अजय पंवार से चर्चा की गई और उन्हें बताया गया कि बस आपरेटरों का आरोप है कि डिवाइस के दोगुनी कीमत वसूली जा रही है तो उन्होंने कहा कि जहां से सस्ती मिल रही है वहां से लगवा लें या इसके लिए आपरेटर सरकार से बात कर ले। 

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