Digvijay Singh भोपाल(ब्यूरो) – कांग्रेस के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के परिवार के तीन सदस्यों को 2018 के बाद 2023 में पुन: कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया था। 2018 में परिवार के तीनों सदस्य जहां चुनाव जीते थे वहीं इस बार तीन में से दो बड़े अंतर से चुनाव हार गए हैं। जबकि ये दोनों हारे उम्मीदवार दिग्विजय के गढ़ की सीटों पर लड़ रहे थे।
दिग्विजय सिंह के सगे छोटे भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस की टिकट पर गुना के चाचौड़ा से उम्मीदवार थे। पिछले चुनाव में इन्होंने भाजपा उम्मीदवार को पराजित किया था। एकदफा लक्ष्मण सिंह भाजपा में भी शामिल हो गए थे लेकिन 2023 के चुनाव में इन्हें भाजपा की नई उम्मीदवार श्रीमती प्रियंका पेची ने 61570 वोटों से चुनाव हरा दिया। जबकि इसी सीट पर भाजपा की पूर्व विधायक श्रीमती ममता मीणा भी आप पार्टी से चुनाव लड़ रही थी। इसके बावजूद लक्ष्मण सिंह के हारने पर सभी को आश्चर्य है।
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इसी तरह से राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधानसभा सीट से दिग्विजय सिंह के भतीजे और 2018 की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे प्रियव्रत सिंह 2023 के चुनाव में भाजपा के हजारीलाल दांगी से 13678 वोट से चुनाव हार गए हैं। लेकिन परिवार के एकमात्र सदस्य के रूप में दिग्विजय सिंह के लडक़े और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह बड़ी मुश्किल से दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र गुना जिले के राघवगढ़ से मात्र 4505 वोट से चुनाव जीत पाए। जबकि पिछला चुनाव जयवर्धन सिंह बड़े अंतर से जीते थे।
2018 में परिवार के तीन सदस्य चुनाव जीते और इनमें से दो सदस्य मंत्री भी बने थे। जबकि दिग्विजय ङ्क्षसह को कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का सलाहकार और सबसे विश्वस्त माना जाता है। वहीं जब पार्टी को किसी विवादस्पद विषय पर टिप्पणी करवाना है तो सिर्फ दिग्विजय सिंह ही आगे आते हैं। ऐसे दिग्गज नेता के परिवार के दो सदस्य इन्हीं के क्षेत्र से चुनाव हार जाए तो इनकी राजनैतिक ताकत पर भी प्रश्र चिन्ह उठता है। राजगढ़ से सांसद रहे दिग्विजय सिंह के जिले में इस बार सभी पांचों सीटों पर कमल का फूल खिला है। वहीं गुना जिले में भी चार में से दो सीटों पर कांग्रेस हारी है।
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