Dhan Ki Variety : कम पानी वाले इलाकों में भी लहलहाती हैं धान की ये 5 किस्में

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किसानों को मिलेगी बंपर पैदावार

Dhan Ki Variety – देश के अधिकांश राज्यों में मॉनसून का आगमन हो चुका है और खरीफ फसलों की बुवाई भी शुरू हो चुकी है। इस समय धान खरीफ सीज़न की प्रमुख फसल है। कई राज्यों में, जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई के शुरूआत में किसान अपनी धान की बुवाई शुरू करते हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में पानी की कमी के कारण किसान धान की बुवाई को देरी से शुरू करते हैं, क्योंकि धान की फसल को तैयार करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

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कृषि वैज्ञानिकों ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कई ऐसी धान किस्में तैयार की हैं, जो कम पानी और सूखे प्रभावित क्षेत्रों में भी अच्छी उपज देती हैं। ये किस्में उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं जो बारिश की मांग को ध्यान में रखते हुए धान की खेती करते हैं।

पांच ऐसी बौनी धान किस्में हैं जो विशेष रूप से मान्यता प्राप्त हैं | Dhan Ki Variety

पूसा बासमती PB-1847: यह नया संस्करण है जो पूसा बासमती-1509 की एक उत्कृष्ट वैशिष्ट्य वाली किस्म है। यह झुलसा और झौंका रोग प्रतिरोधी है और उच्च उत्पादन देती है, जो कि खासतौर पर कम पानी वाले क्षेत्रों में उपयुक्त है।

पूसा बासमती PB-1401: यह धान की बौनी किस्म है जो पकने के बाद भी अच्छी गुणवत्ता बनाए रखती है। इसका उत्पादनीयता हर हेक्टेयर पर 40 से 50 क्विंटल है, और इसकी बुवाई 25 जून के बाद और पूरे जुलाई तक की जाती है।

PB 1509 किस्म: यदि आपके पास सिंचाई के संसाधन सीमित हैं, तो PB 1509 किस्म का चयन करना उपयुक्त हो सकता है। इसकी उत्पादन बहुत अच्छी होती है और इसके पौधे बौने रहते हैं।

पूसा बासमती PB-1886: यह 150 से 155 दिनों में पक कर तैयार होने वाली किस्म है। इसकी बुवाई 15 जून से पूरे जुलाई तक की जा सकती है और इसकी उत्पादनीयता एक हेक्टेयर में करीब 50 क्विंटल तक हो सकती है।

PB 1728: इस किस्म में बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी से लड़ने की क्षमता होती है और यह विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के लिए उपयुक्त है।

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