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Dam me hua Chhed : जलाशय में छेद होने पर नहर से छोड़ा पानी

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जल संसाधन विभाग की वर्षा पूर्व तैयारियों की खुली पोल, झगडिय़ा जलाशय से पानी छोडऩे से किसानों को नुकसान

बैतूल{Dam me hua Chhed} – जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम झाड़ेगांव के जलाशय में छेद हो जाने की सूचना मिलते ही जल संसासधन विभाग में हडक़म्प मच गया। आनन-फानन में जलाशय का पानी नहर में छोडक़र छेद को बोरियों में मिट्टी भरकर बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। नहर में पानी छोडऩे से किसानों के खेतों में पानी पहुंच गया है।

गेट के पास हुआ बड़ा छेद

प्राप्त जानकारी के अनुसार लघु सिंचाई योजना के जलाशय की मुख्य दीवार में गेट के पास ही बड़ा छेद हो गया और मिट्टी धंसकने लगी थी। पानी का तेज रिसाव होने की जानकारी किसानों के द्वारा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दी तब उनकी नींद खुली। आनन-फानन में दीवार को धंसकने से बचाने के लिए 200 बोरियों में मिट्टी भरकर उस हिस्से में रख दी गईं ताकि वजन के कारण मिट्टी का कटाव कम हो सके। हालांकि इसके बाद भी दीवार के नीचे से पानी निकल ही रहा है।

दोनों गेट खोलकर छोड़ा जा रहा पानी

जलाशय की दीवार के फूट जाने का खतरा बढ़ता देखकर दोनों गेट खोलकर नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है। नहरें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी किसानों के खेतों में प्रवेश कर रहा है। जलाशय की दीवार में छेद होने के पीछे जल संसाधन विभाग अपनी लापरवाही छिपाने के लिए केकड़ों के द्वारा छेद करने का हवाला दे रहा है। झाड़ेगांव के किसानों ने बताया कि तीन दिन से जलाशय के दोनों गेट खोलकर नहर में पानी छोड़ा जा रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के द्वारा जलाशय की दीवार को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए पानी खाली करने से किसानों को रबी सीजन की फसलों की सिंचाई करने के लिए पानी नहीं मिल सकेगा। किसानों का आरोप है कि वर्षा पूर्व की तैयारियों के लिए शासन स्तर से आदेश किए जाते हैं लेकिन न तो विभाग के उ‘चाधिकारियों के द्वारा कोई ध्यान दिया गया और न ही जलाशय की जिम्मेदारी निभाने वाले मैदानी अमले ने ही कोई परवाह की है। अब नहरों के माध्यम से पानी बर्बाद किया जा रहा है जिसका खामियाजा किसानों को अगली फसल में भुगतना पड़ेगा।

मिट्टी से भरी बोरियां से भी बंद नहीं हुआ रिसाव

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को जैसे ही जलाशय की मुख्य दीवार में छेद होने और लगातार मिट्टी के धंसने की जानकारी मिली वैसे ही सुरक्षित करने के लिए उपाय किए जाने लगे। जिस हिस्से से पानी का रिसाव हो रहा था उसके उपर मिट्टी से भरी बोरियां रखना प्रारंभ किया गया। ऐसा करने से दीवार की मिट्टी पर वजन आ जाएगा और धंसकना बंद होगा। हालांकि इस उपाय के बाद भी पानी का रिसाव बंद नहीं हो सका है। दीवार के निचले हिस्से से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है।

जलाशय को किया दो फीट खाली

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा जलाशय को सुरक्षित करने के लिए मुख्य दीवार के जिस हिस्से में छेद हुआ है और पानी का रिसाव हो रहा है वहां तक जलाशय का पानी खाली करने का निर्णय लिया गया है। जलाशय के पूरा भर जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुए हिस्से की मरम्मत का कार्य किया जाना संभव ही नही है। इसे देखते हुए सबसे सुरक्षित उपाय के रूप में जलाशय के गेट खोलकर नहरों के माध्यम से पानी खाली किया जा रहा है।

इनका कहना…

झाड़ेगांव जलाशय काफी पुराना हो गया है। जुलाई माह में ही वह पूरा भर गया है। केकड़े ने दीवार में छेद कर दिए थे जिससे मिट्टी के धंसक जाने के कारण पानी का रिसाव हो रहा था। सूचना मिलने पर मैंने निरीक्षण किया और उसे सुरक्षित करने के लिए मिट्टी से भरी बोरियां रखवाई गई हैं। जलाशय को दो फीट खाली करने के लिए दोनों गेट खोलकर नहरों से पानी छोड़ दिया गया है। वर्तमान में मरम्मत का कार्य नहीं किया जा सकता है। गर्मी में जलाशय के पूरा खाली होने पर ही कार्य हो सकेगा।

एके देहरिया, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग बैतूल

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