Dairy Farming: भारत की सबसे ज्यादा ग्रामीण आबादी (Rural Population)अपनी आजीविका के लिये खेती और पशुपालन (Animal Husbandry) पर निर्भर करती है. जहां खेती करके किसानों परिवारों की दैनिक आवश्यकतायें पूरी होती है, वहीं पशुपालन के जरिये अतिरिक्त आमदनी कमाने का मौका मिल जाता है. पशुपालन में भी ज्यादातर किसान भैंस पालना ज्यादा पंसद करते हैं, क्योंकि भैंसों (Buffalo Farming) को कम देखभाल में अधिक मात्रा में दूध उत्पादन (Buffalo Milk Production) के लिये लोकप्रिय है.
भैस की ये नस्ल जो देती है 1200 लीटर दूध This breed of buffalo gives 1200 liters of milk

Dairy Farming: भैस की ये नस्ल जो देती है 1200 लीटर दूध,जल्द खोले डेरी फार्म जिससे आवक होगी दुगुना
भैंस की टॉप नस्लें Top Buffalo Breeds
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के मुताबिक भारत में पशुपालन और दूध उत्पादन के लिहाज से भैंस की 26 नस्लें (Top Breeds of Buffalo) मौजूद हैं. इसमें नागपुरी, पंढरपुरी, बन्नी, मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, चिल्का, भदावरी, सुर्ती, मेहसाणा, तोड़ा जैसी भैसों को अलग-अलग इलाकों के हिसाब से श्रेणियों में बांटा गया है.इन भैसों की 12 नस्लें सबसे ज्यादा दूध देने के लिये पंजीकृत हैं, जिनमें चिल्का, मेहसाना, सुर्ती और तोड़ा जैसी भैंस भी शामिल है. ये चार भैंस बेहतर रखरखाव, खान-पान और जलवायु के अनुसार अच्छी क्वालिटी का दूध उत्पादन (Buffalo Breeds for Milk Production) करती है. इन भैसों में मुर्रा नस्ल को अव्वल दर्जे की भैंस की ख्याति प्राप्त है.
जल्द खोले डेरी फार्म जिससे आवक होगी दुगुना Open dairy farm soon, due to which the arrival will double

सुर्ती भैंस surti buffalo
भैंस की ये नस्ल गुजरात के खेड़ा और बड़ौदा में सबसे अधिक पाली जाती है. यह भैंस मध्यम आकार की होती है, जिसका रंग रंग, सिल्वर सलेटी और काला भी होता है. सुर्ती भैंस का नुकीला धड़ और लंबा सिर ही इसे दूसरी भैंसों से अलग बनाता है. रिसर्च के मुताबिक सुर्ती नस्ल के भैंस के दूध में वसा की 8 से 12 फीसदी मात्रा पाई जाती है. प्रति ब्यांत में सुर्ती भैंस से 900 से 1300 लीटर दूध उत्पादन होता है, जिससे किसान और पशुपालकों को अच्छा मुनाफा हो सकता है
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मेहसाना भैंस Mehsana Buffalo
जैसा कि नाम से ही साफ होता है कि ये भैंस गुजरात के मेहसाना जिले से ताल्लुक रखती है. इसके अलावा महाराष्ट्र् के कई इलाकों में भी इस प्रजाति की भैंस से अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन लेते हैं. सबसे बेहतरीन मुर्रा भैंस के मुकाबले मेहसाना भैंस ज्यादा फुर्तीली और शरीर का साइज भी ज्यादा होता है. काले-भूरे रंग की मेहसान भैंस का वजन तो कम होता है, लेकिन इससे प्रति ब्यांत में 1200 से 1500 लीटर तक दूध उत्पादन ले सकते हैं. मेहसाना भैंस अपने दरांती आकार के घुमावदार सींगों से पहचानी जाती है.
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तोड़ा भैंस broken buffalo
तोड़ा भैंस भारत की नीलगिरी पहाडियों में पाई जाती है, लेकिन तमिलनाडु के ज्यादातर इलाकों में इसी भैंस का दूध मिलता है. इसका नाम आदिवासी कबीले के नाम पर रखा गया है. ताड़ा भैंस के शरीर पर मोटा बालकोट होता है और इसके दूध में करीब 8 फीसदी वसा मिलता है. प्रति ब्यांत में तोड़ा भैंस की दूध उत्पादन क्षमता 500 से 600 लीटर होती है, जो बजट और दूध उत्पादन के लिहाज से छोटे और सीमांत किसानों के लिये मुनाफेदार साबित हो सकती है.
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चिल्का भैंस Chilka Buffalo
सिर्फ भैंस ही नहीं, चिल्का नाम से गायों की नस्ल भी काफी फेमस है. ये प्रजाति (Chilka Buffalo) उड़ीसा के कटक, गंजम, पुरी और खुर्दा जिलों में पाई जाती है, जिसका नाम चिल्का झील (Chilka Lake) के नाम पर रखा गया है. देश के कई इलाकों में इसे देसी भैंस (Desi BUffalo) भी कहते हैं, जो खारे इलाकों में पाई जाती है. यह भैंस अपने मध्यम आकार और काले-भूरे रंग से पहचानी जाती है. चिल्का भैंस से प्रति ब्यांत में 500 से 600 लीटर दूध उत्पादन (Chikla Buffalo Milk Production) ले सकते हैं.