किसानों की ज़िन्दगी रंगीन बना देगी इस फल की खेती! मार्केट में है इसकी काफी डिमांड, जाने खेती के बारे में…, संतरे की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। यह विटामिन सी से भरपूर फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। यदि आप संतरे की खेती शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह विस्तृत मार्गदर्शिका आपके लिए उपयोगी होगी।
मिट्टी और जलवायु की आवश्यकताएं
- मिट्टी: संतरे की खेती के लिए गहरी, दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में पर्याप्त जल निकासी होनी चाहिए। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
- जलवायु: संतरे को गर्म और नम जलवायु पसंद होती है। हालांकि, यह ठंड को भी सहन कर सकता है, लेकिन बहुत अधिक ठंड से फूल और फल गिर सकते हैं।
संतरे की खेती: किस्में
संतरे की कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- नागपुरी संतरा: भारत में सबसे लोकप्रिय किस्मों में से एक।
- खासी संतरा: अपनी मीठी और रसीली प्रकृति के लिए जाना जाता है।
- कुर्ग संतरा: दक्षिण भारत में उगाया जाता है।
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संतरे की खेती: रोपण
- कटिंग: संतरे के पौधे को कटिंग से उगाया जा सकता है।
- बीज: बीज से उगाए गए पौधे देर से फल देने लगते हैं।
- रोपण का समय: सर्दियों के अंत या शुरुआती वसंत में रोपण करना सबसे अच्छा होता है।
- रोपण की दूरी: पौधों के बीच 6-8 मीटर की दूरी रखें।
संतरे की खेती: देखभाल
- सिंचाई: संतरे के पेड़ों को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मियों के मौसम में।
- खाद: समय-समय पर उर्वरक डालते रहें।
- छंटाई: पेड़ को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से छंटाई करें।
- कीट और रोग: कीट और रोगों से बचाने के लिए उचित उपाय करें।
संतरे की खेती: फसल
- फलों का पकना: संतरे आमतौर पर सर्दियों में पकते हैं।
- फलों की तुड़ाई: पके हुए फलों को ही तोड़ें।
संतरे की खेती: संतरे की खेती के लाभ
- आर्थिक लाभ: संतरे की मांग हमेशा बनी रहती है।
- पोषण: संतरा विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है।
- पर्यावरण के लिए अच्छा: संतरे के पेड़ पर्यावरण को शुद्ध करते हैं।
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