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Congress News – राजनैतिक बदलाव से निलय का बढ़ेगा कद

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कमलनाथ का भाजपा में शामिल होना लगभग तय

Congress Newsबैतूल 1980 से छिंदवाड़ा सहित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में धूमकेतू की तरह चमकते रहे कमलनाथ ने जैसा चाहा वैसा समय-समय कांग्रेस हाईकमान को झुकाया और अपनी चलाई। यहां तक की कई बार तो खोटे सिक्को को भी लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस की टिकट से नवाजा गया। 1980 में ही छिंदवाड़ा में जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे कमलनाथ के चुनाव प्रचार में छिंदवाड़ा आई इंदिरा गांधी ने आमसभा में उन्हें अपना तीसरा बेटा तक बता दिया था। लेकिन यही तीसरा बेटा गांधी परिवार और पार्टी को छोडक़र भाजपा की दहलीज पर नजर आ रहा है। और जैसी की चर्चा हो रही है उस हिसाब से आज शाम 5 बजे कमलनाथ दिल्ली में भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

यदि ऐसा हुआ तो मध्यप्रदेश की कांग्रेस की राजनीति के साथ-साथ बैतूल जिले की कांग्रेस की राजनीति में भी आमूलचूल परिवर्तन तय है। कौन कांग्रेस में रहेगा और कौन भाजपा में? यह भी कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। वैसे राजनैतिक गलियारों में जो चर्चा हो रही है उसके अनुसार जिले के बड़े कांग्रेस नेताओं में सिर्फ निलय डागा ही कांग्रेस में बचे रह सकते हैं।

कांग्रेस पर रहे दो गुट हावी | Congress News

बैतूल जिले में कांग्रेस की राजनीति की बात करें तो यहां पर दो गुट हमेशा ही कांग्रेस पर हावी रहे हैं जिसकी वजह से कांग्रेस की हमेशा दुर्दशा होती रही है। 1970 के दशक में कांग्रेस में एक गुट बाल किशन पटेल और दूसरा गुट तथाकथित बनियों का गुट कहलाता था। बाल किशन पटेल के देहवासन के बाद कांग्रेस की गुटबाजी ने नया स्वरूप लिया और 1985 से 2000 के मध्य इस गुट की कमान रामजी महाजन ने संभाल ली। तब दूसरे गुट का नेतृत्व लंबे समय तक विनोद डागा करते रहे। इसके बाद इसी महाजन गुट के समर्थक मुलताई से विधायक बने सुखदेव पांसे जुड़े और डागा गुट का नेतृत्व धीरे-धीरे उनके पुत्र और 2018 में विधायक निर्वाचित हुए निलय डागा के हाथ में आ गया। इस दौरान 1980 से 2023 तक लगभग अधिकांश समय कमलनाथ का वरदहस्त रामजी महाजन और सुखदेव पांसे के गुट पर बना रहा।

पांसे के मंत्री बनने से गुटबाजी बढ़ी

2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी तो सुखदेव पांसे को सीधे केबीनेट मंत्री बनाया गया और निलय डागा सिर्फ विधायक बनकर रह गए। इस 18 महीने की कांग्रेस की सरकार के दौरान जहां सुखदेव पांसे ने सत्ता में एक छत्र राज किया तो निलय डागा को हाशिये पर रखा गया। जिसके चलते जिले में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर पहुंच गयी जिसका असर 2023 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट दिखाई दिया और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल पाई। विधानसभा के चुनाव यह चर्चा आम थी कि पांसे समर्थक बैतूल में निलय डागा को निपटाने में लगे हैं तो कुछ डागा समर्थक भी सांईखेड़ा बेल्ट में पांसे को विधानसभा में नहीं पहुंचने देने के लिए बोलते हुए सुनाई दिए। और इन सब भीतरघात की घटनाओं की अपने-अपने स्तर पर प्रदेश हाईकमान को शिकायतें भी हुई।

बढ़ेगा निलय का कद | Congress News

अब कमलनाथ का भाजपा में जाना लगभग तय माना जा रहा है। और जिले से पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे और आमला विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बुरी तरह चुनाव हारे मनोज मालवे का भी भाजपा में जाना तय बताया जा रहा है। यह भी चर्चा है कि दोनों ही अभी दिल्ली में है। जिले में कांग्रेस संगठन में भी दो अध्यक्ष हैं। और दोनों ही कमलनाथ के आशीर्वाद से इस पद पर हैं लेकिन चर्चा यह है कि इन दो में से एक अध्यक्ष ही भाजपा में जा सकता है। इन सब परिस्थितियों में जिले में कांग्रेस की राजनीति करने के लिए निलय डागा सबसे बड़ा नाम रह जाएगा और अपने आर्थिक साम्राज्य, राजनैतिक संपर्कों और परिश्रम के चलते निलय डागा जिले में सबसे बड़े एकमात्र कांग्रेस के नेता के रूप में स्थापित हो सकते हैं यदि वे कमलनाथ के साथ भाजपा में नहीं गए तो।

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