पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लहार विधायक 71 साल के डॉ. गोविंद सिंह को सौंपी गई है। डॉ. गोविंद सिंह वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद गोविंद सिंह ने कहा कि मेरे पास पहले भी दायित्व था। नेता प्रतिपक्ष बनने से पंख नहीं लग गए। मैं विपक्ष की भूमिका निभाता था, निभाता रहूंगा और सरकार की गलत नीतियों का विरोध मजबूती के साथ करूंगा।
सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने कार्य का बंटवारा किया है। उन्होंने मुझ पर विश्वास कर सहयोगी बनाया है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं। उनके मार्गदर्शन में विपक्ष की भूमिका निभाऊंगा।
गोविंद सिंह मध्यप्रदेश कांग्रेस के एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जो लगातार सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं। पहला चुनाव उन्होंने 1990 में जनता दल से लड़ा था, तब वे 14 हजार वोटों से जीते थे। 1993 में कांग्रेस से अब तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं।
सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आगामी चुनाव को देखते हुए कमलनाथ के पास जिम्मेदारियां बढ़ गई थीं। प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी में उनकी दोहरी भूमिका हो गई थी। प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का पूरा फोकस आगामी चुनाव पर रहेगा। वे 2018 में कमलनाथ के कार्यकाल में मंत्री भी रहे हैं