Chindwada University : छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय 

बीए, बीकॉम के नहीं आए रिजल्ट, एमए, एमकॉम की नहीं हुई परीक्षा

बैतूल{Chindwada University} – उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य से छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय खिलवाड़ कर रहा है। महाविद्यालयों में प्रवेश तारीख निकल जाने के बाद भी बीए और बीकाम के रिजल्ट नहीं आए हैं। वहीं एमए और एमकाम की अगस्त माह शुरू तक परीक्षा नहीं हुई है। वर्ष 2019 से छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया उसके बाद से ऐसा कोई महीना नहीं गुजरा होगा जब विश्वविद्यालय ने कोई ना कोई अजीबोगरीब नियम या कार्यवाही की है।

इस समय प्रदेश भर में उच्च शिक्षा विभाग स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में विद्यार्थियों को प्रवेश दे रहा है। यह प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। और अब तक छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा बीए, बीकाम, बीएससी कक्षाओं के अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। जिससे छात्र आगे की कक्षाओं में प्रवेश लेने में संकोच कर रहे हैं। कारण यह है कि यदि उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर पंजीयन के पश्चात प्रवेश शुल्क जमा कर देते हैं और उन्हें सप्लीमेंट्री आती है अथवा वह फेल हो जाते हैं तो उनका आगे की कक्षाओं का प्रवेश स्वत: निरस्त हो जाएगा और उनके द्वारा जमा की गई 1 हजार रुपए की राशि भी उन्हें वापस नहीं मिलेगी।

इसी तारतम्य में स्नातक एवं स्नातकोत्तर जैसे एमए, एमएससी, एमकॉम जैसी कक्षाओं के चौथे यानी अंतिम सेमेस्टर की अब तक परीक्षा संपन्न नहीं हो पाई है। जिससे की इन कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों को आगे कोई और कोर्स करने की पात्रता नहीं है। और प्रवेश की तिथि भी समाप्त हो चुकी है।

कोविड काल के दौरान उच्च शिक्षा विभाग ने कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों को प्रवेश हेतु महाविद्यालय ना आना पड़े इसलिए ऑनलाइन प्रवेश फार्म भरने के पश्चात सूची में नाम आने पर ऑनलाइन ही 1 हजार रुपए का भुगतान कर प्रवेश लेने की पात्रता दी गई थी। इस प्रक्रिया में कई बार छात्र भुगतान कर प्रवेश तो ले लेते हैं परंतु किन्ही कारणवश पढ़ाई नहीं कर पाते या नहीं करना चाहते।

इस परिस्थिति में कालेजों को आवंटित सीटें भर जाती हैं और प्रतीक्षा सूची के छात्र या देरी से पंजीयन करने वाले छात्र प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालयों को ऐसे छात्रों का प्रवेश निरस्त करने का अधिकार नहीं दिया है। जब उच्च शिक्षा विभाग से पूछा जाता है तो उनका कहना है कि प्रवेशित छात्र से चार अंकों का ओटीपी लेकर प्रवेश निरस्त कर दिया जा सकता है। पर सैकड़ों छात्र या तो फोन नहीं उठाते हैं या उनका मोबाइल नंबर बदल जाता है। और कहने को उच्च शिक्षा विभाग अंकों की बाजीगरी कर उच्च शिक्षा विभाग हर वर्ष यह बता देता है कि इतने लाख छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया। और छात्र के स्तर पर बात करें तो उसके द्वारा जमा किया गया 1 हजार रुपए भी डूब जाता है।

इस संबंध में सांध्य दैनिक खबरवाणी ने उच्च शिक्षा विभाग के कत्र्तव्यस्त अधिकारी धीरेंद्र शुक्ला से उनके मोबाइल नंबर 9425009289 और छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रामचरण सनोडिया से उनके मो. नं. 9131102003 पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

इनका कहना…

परीक्षा और रिजल्ट को लेकर पांच बिंदुओं पर पत्र छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखकर भेज रहा हूं। विश्वविद्यालय के द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ ना की जाए इसको लेकर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रवीण गुगनानी,एक्जीक्यूटिव मेम्बर, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय

हमारा कार्य परीक्षा कराना नहीं है। परीक्षा विश्वविद्यालय के द्वारा कराई जाती हैं। विश्वविद्यालय हमारे अंडर में भी नहीं है। हम तो उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कार्य कर रहे हैं।

एके तिवारी, प्राचार्य, जेएच कालेज, बैतूल

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