Cheap electricity: मध्य प्रदेश में अगले साल 1 अप्रैल से घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली सस्ती मिलेगी। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच बिजली की दरों में 20% की कमी की जाएगी, जबकि रात में बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। इस योजना को लागू करने के लिए ऊर्जा विभाग नवंबर में टैरिफ याचिका दाखिल करेगा, जिसके बाद सुनवाई के जरिए नए टैरिफ का आदेश जारी होगा।यह कदम राज्य में सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली की बढ़ती उपलब्धता के कारण संभव हुआ है। मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 2,380 मेगावाट बिजली सोलर परियोजनाओं से उत्पन्न हो रही है। इससे पहले, अप्रैल 2024 से 10 किलोवाट या उससे अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को दिन के समय 20% कम दर पर बिजली दी जा रही थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य सरकारों को 2030 तक भारत की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया है, ताकि देश की ऊर्जा जरूरतों का 50% नवकरणीय स्रोतों से पूरा किया जा सके। इस दिशा में मध्य प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 8,000 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने का समझौता किया है, जो 2026 तक पूरा होगा।स्मार्ट मीटरों का उपयोग बिजली की दिन और रात की अलग-अलग गणना के लिए किया जाएगा। ये मीटर राज्य के विभिन्न जिलों में लगाए जा रहे हैं, जिससे दिन के समय सस्ती बिजली की आपूर्ति को मापना संभव हो सकेगा। ऊर्जा विभाग के एसीएस, मनु श्रीवास्तव ने बताया कि नए टैरिफ प्लान का प्रस्ताव तैयार है और टैरिफ पिटिशन दाखिल की जा रही है, जिसे मंजूरी मिलने की संभावना है।मध्य प्रदेश में सोलर परियोजनाओं से 95.20 लाख यूनिट बिजली रोजाना उत्पन्न होती है। रीवा सौर परियोजना के माध्यम से दिल्ली मेट्रो को भी बिजली आपूर्ति की जा रही है, और आगर-शाजापुर-नीमच सौर परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के साथ-साथ सात अन्य राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
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