Chandi Ki Jhadu – श्रीराम लला के चरणों में समर्पित की जाएगी माँ शबरी नाम की झाडू

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मातंग समाज अयोध्या भेज रहा है पौने दो किलो चांदी से बनी झाडू

Chandi Ki Jhaduबैतूल मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में 22 जनवरी को होनी है। भगवान श्रीराम को भेंट स्वरूप देश भर से कुछ ना कुछ सामग्री पहुंच रही है। इसी कड़ी में आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला भी अछूता नहीं छूटा है। बैतूल से मातंग समाज के द्वारा माँ शबरी के नाम की चांदी की झाडू अयोध्या भगवान के श्रीचरणों में समर्पित करने के लिए भेजी जा रही है।

मातंग ऋषि ने बताया था जीविका का साधन | Chandi Ki Jhadu

मातंग समाज के जिलाध्यक्ष सतीष जौंधलेकर का कहना है कि भगवान श्रीराम का हमारी समाज से पुरातनकाल से करीब संबंध है। समाज के आराध्यदेव मातंग ऋषि जो ऋ ष्यमूक पर्वत पर निवास करते थे। और उनके आश्रम के पास सुग्रीव भी एक गुफा में निवास करते थे। जब भगवान श्रीराम सीता मां की खोज में निकले थे और मातंग ऋषि जहां रहते थे वहां शबरी के साथ गए थे। यहीं पर उन्हें सुग्रीव मिले थे। जिन्होंने माता सीता को खोजने में भगवान श्रीराम की मदद की थी। श्री जौंधलेकर का कहना है कि मातंग ऋषि ने छिंद के कांटे से उदरपोषण का जरिया दिया था। इसी जरिए से ङ्क्षछद के कांटे से बनी झाडू के माध्यम से मांग समाज अपने परिवार का पालन पोषण करता आ रहा है। इसलिए चांदी की झाडू श्रीराम मंदिर अयोध्या भेज रहे हैं।

1751 ग्राम चांदी से इंदौर में बनी झाडू

कृष्णा सोनारे का कहना है कि समाज में विचार आया था कि श्रीरामलला के चरणों में झाडू समर्पित की जाए। इसको लेकर समाज के सहयोग से चांदी की झाडू तैयार करवाई गई। यह 1751 ग्राम चांदी से झाडू बनी है। इंदौर के श्री खण्डेलवाल ने 11 दिन में इस झाडू का निर्माण किया गया है। मधुकरराव देवहारे यह अखिल भारतीय मातंग समाज की ओर से प्रभु श्रीराम जी के दरबार में यह विश्व की पहली चांदी की झाडू रहेगी जो श्रीराम दरबार में भेंट की जा रही है। यह 108 चांदी की लकड़ी से निर्मित झाडू है।

महाकाल मंदिर में पूजा कर बैतूल लाई झाडू | Chandi Ki Jhadu

मधुकरराव देवहारे ने बताया कि चांदी की झाडू तैयार होने के बाद इसकी महाकाल मंदिर उज्जैन में पूजा अर्चना की गई है। कल शाम को झाडू बैतूल पहुंची और थाना चौक पर स्थित महाकाल मंदिर में रखी गई है। कल 20 जनवरी को चांदी की झाडू की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ट्रस्ट से निवेदन है कि हमारी इस झाडू को स्वीकारा जाए।

बिना झाडू के नहीं होती पूजा

उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के अनुसार बिना झाडू के ना तो लक्ष्मी पूजा की जाती है और ना ही दीवाली मनाई जाती है। चूंकि 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में समूचे देश में दीपावली मनाई जा रही है तो हमारा निवेदन है कि हमारी इस झाडू को स्वीकार किया जाए। हमने इस झाडू को माँ शबरी की झाडू नाम दिया है।