बैतूल – Case Me Hua Faisla – मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड भोपाल द्वारा श्रीजी सुगर मिल सोहागपुर के विरूद्ध वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम की धारा 21, 36, 40 तथा जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम की धारा 25, 44, 46 के तहत परिवार पत्र न्यायालय में पेश किया था जिसमें मिल के संचालक अखिलेश गोयल तथा मैनेजर नेमसिंग को आरोपी बनाया गया था।
Case Me Hua Faisla
बोर्ड ने मुख्य रासायनिक अधिकारी अविनाश करेरा, वैज्ञानिक एचबी वानखेड़े तथा क्षेत्रीय अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह बुंदेला को गवाह के रूप में न्यायालय में पेश किया था। आरोप यह था कि मिल की चिमनी से धुआं निकलता है वह जनमानस के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो रहा है। तथा जो पानी मिल से निकलता है वह गांव के कुओं एवं ट्यूवबेल में मिलकर लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है।
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बोर्ड अपनी गवाही एवं दस्तावेज से लगाए आरोप सिद्ध नहीं कर सका इसलिए प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बैतूल ने आरोपों को असिद्ध मानते हुए दोनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। आरोपियों की ओर से पैरवी युवा अधिवक्ता सजल गर्ग ने की।