सोयाबीन की इन किस्मो से होती 30 से 39 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर होती है, सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत बुआई से पहले एक बार जान ले इनकी खासियत। अभी अगले महीने से सोयाबीन की बुवाई का समय आने वाला है। भारत में सोयाबीन की बुआई बहुत ज्यादा मात्रा में की जाती है इसे देखते हुए किसानों को सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों की जानकारी होनी जरूरी है ताकि वे इन किस्मों में से अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्म का चयन करके समय पर सोयाबीन की बुवाई कर सकें। भारत में सोयाबीन खरीफ की फसल के अंतर्गत आती है। भारत में सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में होती है। मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 प्रतिशत है। आइये इस पोस्ट में आपको सोयाबीन की कुछ खास किस्मो के बारे में बताते है.
एमएसीएस 1407 किस्म सोयाबीन

आपको सोयाबीन की इस किस्म के बारे में देखा जाये तो सोयाबीन की एमएसीएस 1407 नाम की यह नई विकसित किस्म असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त है यह किस्म प्रति हेक्टेयर में 30 से 39 क्विंटल तक पैदावार देती है सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत और यह गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों के लिए प्रतिरोधी किस्म है. यह इस सोयाबीन के किस्म की विशेषताएं है.
जेएस 2034 सोयाबीन किस्म

सोयाबीन की इस किस्म के बारे में बताये तो सोयाबीन की इस किस्म में दाने का रंग पीला, फूल का रंग सफेद तथा फलिया फ्लैट होती है। यह किस्म कम वर्षा होने पर भी अच्छा उत्पादन देती है। सोयाबीन जेएस 2034 किस्म का उत्पादन करीब एक हेक्टेयर में 24-25 क्विंटल तक होता हैं। सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत फसल की कटाई 80-85 दिन में हो जाती हैं। इस किस्म की बुवाई के लिए बीज मात्रा 30-35 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त हैं।
फुले संगम/केडीएस 726 सोयाबीन किस्म

इस किस्म के बारे में बारे में बताये तो फुले संगम केडीएस 726 यह किस्म 2016 में महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय महाराष्ट्र द्वारा अनुशंसित सोयाबीन की किस्म है। इसका पौधा अन्य पौधे के मुकाबले ज्यादा बड़ा और मजबूत है। 3 दानों की फली है इसमें 350 तक के फलिया लगती है। इसका दाना काफी मोटा है, जिसके कारण इससे उत्पादन में दोगुना फायदा होगा। इस किस्म की उत्पादन 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देखी गई है।
बीएस 6124 सोयाबीन किस्म

इस किस्म के बारे में बताये तो इस किस्म की बुवाई के लिए बीज की मात्रा 35-40 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होती है। बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 20-25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत इस किस्म से सोयाबीन की फसल 90-95 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म में फूल बैंगनी रंग के और पत्ते लंबे होते हैं।
प्रताप सोया-45 (आरकेएस-45 ) सोयाबीन किस्म

अब आपको इस किस्मो के बारे में बताये तो सोयाबीन की इस वैरायटी की बढ़वार काफी अच्छी होती है। इसके फूल सफेद होते हैं। इसके बीज का रंग पीला होता और भूरे रंग का हिलम होता है।सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत यह किस्म राजस्थान के लिए अनुशंसित है। यह किस्म 90-98 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म पानी की कमी को कुछ हद तक सहन कर सकती है। वहीं सिंचित क्षेत्र में उर्वरकों के साथ अच्छी प्रतिक्रिया देती है। यह किस्त यलो मोजेक वाइरस के प्रति कुछ हद तक प्रतिरोधी है।
सोयाबीन की यह किस्मे देती 30 से 40 क्विंटल का एवरेज बोनी करने से जरूर जाने इसकी खासियत
सभी किस्मों की पैदावार मिट्टी व पानी की अनुसार कम और ज्यादा हो सकती है इसलिए जिस भी किस्म को आप हुए उस किस्म की सारी चीजों को जांच लें कि वह किस मिट्टी में अच्छी होती है और मिट्टी का परीक्षण जरूर करवाएं पैदावार कम और ज्यादा होने पर हम किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है हम सिर्फ बेहतरीन किस्मों को आपको बताने का प्रयास करते हैं
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