Budget – आने वाले समय में देश में आम बजट 2023 देश के सामने रखा जाएगा लेकिन उससे पहले हम आपको एक ऐसे फैसले के बारे में बताने जा रहा रहे हैं जिसके बाद देश में 92 साल से चली आ रही प्रथा पूरी तरह बदल गई और जिसे जान कर पुरे देश को झटका लगा। दरअसल वर्ष 2014 में जब देश में मोदी सरकार आई और उसके बाद सरकार द्वारा कई एहम फैसले लिए गए। कुछ एक फैसले ऐसे भी हैं जिससे देश की कई वर्षो पुरानी प्रथा टूट गई।
पहले पेश होता था अलग अलग बजट(Budget)
दरअसल, पहले केंद्र सरकार की ओर से पेश किया जाना वाला आम बजट अलग होता था और रेलवे बजट अलग होता था. लेकिन मोदी सरकार में एक अहम फैसला साल 2017 में बजट को लेकर लिया गया था. उस दौरान मोदी सरकार की ओर से फैसला लिया गया कि अब आम बजट और रेलवे बजट को अलग-अलग पेश नहीं किया जाएगा और दोनों को एक साथ पेश किया जाएगा.
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तोड़ी गई 92 साल पुरानी प्रथा(Budget)
आम बजट और रेलवे बजट को एक साथ पेश किए जाने का फैसला मोदी सरकार के बड़े फैसलों में गिना जाता है और 92 सालों से चली आ रही प्रथा को भी मोदी सरकार की ओर से तोड़ दिया गया था, जिससे मोदी सरकार की ओर से लिए गए बड़े फैसलों को देखकर देश भी हिल गया. बता दें कि 1924 में अंग्रेजों के जरिए एक अलग रेल बजट शुरू किया गया था. वहीं रेल और आम बजट का विलय रेलवे की कार्यात्मक स्वायत्तता को प्रभावित नहीं करता है लेकिन पूंजीगत व्यय को बढ़ाने में मदद करता है.
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पेश हुआ था सयुंक्त बजट(Budget)
देश का आम बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा को मोदी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खत्म किया था. साल 2017 में जेटली ने आम बजट और रेलवे बजट मिलाकर देश का पहला संयुक्त बजट पेश किया. यह परिवर्तन विभिन्न हितधारकों की कई सिफारिशों पर आधारित था और सरकार को परिवहन क्षेत्र के प्रति अधिक समग्र दृष्टिकोण रखने की अनुमति देता था.