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15 की उम्र में खरीदा घर, अब बोर्ड एग्जाम में चमकी ‘ये है मोहब्बतें’ की एक्ट्रेस

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फिल्म और टीवी की दुनिया में कई सारे ऐसे चाइल्ड आर्टिस्ट हैं जो काफी अच्छा काम कर रहे हैं और उनकी एक्टिंग की हर तरफ प्रशंसा भी देखने को मिल रही है. ऐसा ही किया है एक्ट्रेस रुहानिका धवन ने. उन्होंने पहले तो ये है मोहब्बतें में यंग रूही भल्ला का रोल प्ले कर के सभी को खूब एंटरटेन किया. लेकिन इसी के साथ एक्ट्रेस ने पढ़ाई में भी मन लगाया. उनके 12th का रिजल्ट आ गया है और एक्ट्रेस काफी अच्छे नंबर्स से पास हुई हैं. उन्होंने 12th के बोर्ड एग्जाम में 91 पर्सेंट हासिल किए हैं. इस बात से वे काफी खुश भी हैं.किसी भी चाइल्ड एक्टर के लिए अपने काम के साथ पढ़ाई करना इतना आसान नहीं होता है. एक्ट्रेस ने ये भी बताया है कि अपने बिजी शेड्यूल के बीच कैसे उन्होंने वक्त निकालकर बोर्ड की तैयारी की और अच्छे नंबर लाने में भी सफल हुईं. एक्ट्रेस ने इंटरव्यू के दौरान कहा- मैं बोर्ड में 91 पर्सेंट नंबर लाकर काफी खुश महसूस कर रही हूं. मैंने वाकई में बहुत मेहनत की. मैंने 3 साल के लिए अपना एक्टिंग करियर ताक पर रख दिया था ताकि मैं पढ़ाई पर ध्यान लगा सकूं. अब मुझे लगता है कि मेरा ऐसा करना सफल हुआ. मेरे पैरेंट्स को भी मुझपर पूरा भरोसा था कि मैं अच्छे नंबर लाऊंगी और मैंने उन्हें सही साबित कर दिया. मेरी उम्र के दूसरे एक्टर्स प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं लेकिन मैंने पढ़ाई को चुना. 

आगे क्या करेंगी रुहानिका?

रुहानिका ने अपने आगे के प्लान्स के बारे में भी बातें कीं. उन्होंने बताया कि- मैं अब महाराष्ट्र के कई अच्छे कॉलेज के इंटरेंस एग्जाम की तैयारी कर रही हूं. अगर मेरे कॉलेज का शेड्यूल फ्लेक्सिबल होगा तो मैं एक बार फिर से अपने एक्टिंग करियर की ओर अपना फोकस कर पाऊंगी’. मतलब साफ है कि एक्ट्रेस अपनी पढ़ाई को कॉन्टिन्यू रखना चाहती हैं लेकिन वे एक्टिंग से भी पूरी तरह से तौबा नहीं करना चाहती हैं. वे फिलहाल 17 साल की हैं और अपने करियर को लेकर काफी आशावादी हैं.

15 की उम्र में खरीदा था घर

रुहानिका अभी भले ही 17 साल की हैं लेकिन इस उम्र में ही वे काफी सक्सेसफुल भी हो गई हैं. एक्ट्रेस ने 15 साल की नाजुक उम्र में अपना पहला घर भी खरीद लिया था. इस बात की खुशी जाहिर करते हुए एक्ट्रेस ने कहा- अपनी मेहनत के पैसे से घर बनाना मेरे लिए अनबिलीवेबल है. इसने मुझे और भी जिम्मेदार बना दिया है. ये इस ओर ही इशारा है कि मैं अब बड़ी हो गई हूं और अब वक्त आ गया है कि और भी ज्यादा आत्मविश्वास के साथ मैं अपनी जिंदगी के निर्णय लूं. लेकिन इस दौरान मेरे पैरेंट्स ने भी मेरा पूरा साथ दिया है. मेरे मां-पिता ने मुझे खुद के निर्णय लेने की आजादी दी है. ये मेरे जीवन के सफर का सबसे बड़ा सपोर्ट है.

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