Bhopal Nagpur Highway -गड्ढों भरा सफर हो गया बैतूल से भोपाल जाना

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बिना फोरलेन बने ही शुरू कर दी गई है टोल वसूली

Bhopal Nagpur Highwayबैतूल बैतूल से भोपाल तक फोरलेन निर्माण इतना अधिक कछुआ गति से चल रहा है कि कहा नहीं जा सकता है। स्थिति यह है कि पूर्व में जो सडक़ बनाई थी उसी में ही इतने अधिक गड्ढे हो गए हैं कि आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही है।

इसके बावजूद भी टोल वसूली प्रारंभ कर दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा तैयार इस फोरलेन को चालू करने के बावजूद यहां सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। घटिया निर्माण की वजह से फोरलेन पर दो साल में गड्ढे हो गए हैं, सडक़ों पर मवेशी विचरण करते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले जाम से बचाव के लिए फोरलेन बनाया गया था, लेकिन यहां भी वाहन चालकों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

नर्मदापुरम-इटारसी के बीच हो गया जर्जर

औबेदुल्लागंज से बैतूल नागपुर को सीधे जोडऩे वाले करीब 150 किमी के फोरलेन पर सफर जोखिम भरा हो गया है। नर्मदापुरम से लेकर इटारसी के बीच में 17 किमी की दूरी है, लेकिन इस बीच ही कई जगह पर मार्ग के किनारे जर्जर हालत में है। सरफेस एरिया में भी खामी के चलते भी आए दिन दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। फोरलेन पर स्थित नर्मदा ब्रिज सहित अन्य पुल- पुलियाओं को दर्शाने वाले सूचना बोर्ड ही नहीं है।

सडक़ से उखड़ गया डामर | Bhopal Nagpur Highway

कुछ साल पहले ही बनकर तैयार हुए फोरलेन में जगह-जगह डामर उखड़ गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि सरफेस एरिया चिकना होता है तो दुर्घटनाओं की संभावना और अधिक होगी। इस लापरवाही के कारण फोरलेन पर प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। दरअसल यहां कई क्षेत्रों को फोरलेन से जोडऩे के लिए बायपास बनाए गए हैं, लेकिन यहां साइन बोर्ड नहीं होने के कारण वाहन चालकों को यह पता नहीं होता है कि जाना किस तरफ है।

नहीं लगाए गए हैं संकेतक

ऐसे में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। मार्ग पर वाहनों की स्पीड दर्शाने वाला कोई संकेतक ही नहीं है, इतना ही नहीं कई जगहों पर सडक़ ऊंची नीची होने से वाहन निकलते समय अनियंत्रित हो जाते हैं। भोपाल की ओर से की ओर से आने वाले वाहन चालक यह नहीं समझ पाते हैं कि नर्मदा ब्रिज के करीब से गुजर रहे हैं।

दरअसल ब्रिज के डिवाइडर व बिलिंकर्स नहीं होने भी ऊपर भी कोई संकेतक नहीं है। सडक़ सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि नियम के तहत सुरक्षा के लिहाज से सभी पुल पुलियाओं को दर्शाने वाले बोर्ड लगे होना चाहिए, ताकि वाहन चालक यह समझ सके कि जिस स्थान से वह निकल रहा है वहां नदी है या अन्य कोई पुलिया । एक माह पूर्व फोरलेन पुलिया के ऊपर से एक बाइक सवार नीचे गिर गया था।

वाहन चालकों के लिए बना रहता है खतरा | Bhopal Nagpur Highway

यातायात अमले द्वारा ब्लैक स्पाट चिन्हित किए जाते हैं। यह वे स्थान होते हैं जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र होते हैं। फोरलने पर कई जगहों पर ब्लैक स्पाट सामने आए हैं जहां आए दिन सडक़ हादसे होते रहते हैं। वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी फोरलेन पर शाहगंज की ओर होती है। यहां से वाहन चालक किसी भी स्थान से ऊपर चढ़ जाते हैं, तो वहीं वाहन चालकों को खतरा बना रहता है। पिछले मानसून में हुई भारी वर्षा में ही ठेकेदार द्वारा बनाए गए फोरलेन के घटिया निर्माण की कलई खुल गई।

उखड़ गई है पिचिंग

वर्षा में सडक़ तो खराब हुई, फोरलेन ब्रिज के आसपास बनाई गई पिचिन बाल उखड़ गई, कंपनी ने यहां रेत की बोरियां रखवाई, लेकिन वह भी टिक नहीं पाईं, नीचे खेत हैं, किसान बताते हैं कि पिचिग में लगे पत्थर लगातार गिर रहे हैं। कई जगह लगाए गए लैंप भी टूट गए हैं, इससे ब्रिज पर रात में अंधेरा रहता है। एनएचएआई के अफसर यह दावा कर रहे हैं कि ठेकेदार से विभाग का अनुबंध है, जहां समस्या आती है, वहां रखरखाव कराया जाता है। गुणवत्ता के सवाल पर जिम्मेदार चुप्पी साध रहे हैं।