प्रत्याशियों को अब 11 दिनों तक अतिरिक्त करना होगा प्रचार-प्रसार
Betul Politics – बैतूल – बैतूल-हरदा-हरसूद संसदीय सीट के बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अशोक भलावी के असामायिक निधन के बाद बैतूल क्षेत्र का चुनाव 11 दिन के लिए आगे बढ़ गया है। चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद बैतूल सीट के लिए 26 अप्रैल को होने वाला मतदान अब 7 मई को होगा। और इस 11 दिन के अतिरिक्त बढऩे के चलते बैतूल लोकसभा सीट के प्रत्याशियों विशेषकर दलीय प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा क्योंकि राजनीतिक परिस्थितिवश बढ़े 11 दिन तक प्रत्याशी चुपचाप नहीं बैठे रह सकते हैं।
- ये खबर भी पढ़िए :- Betul News – भाजपा प्रत्याशी ने मंदिरों में टेका मत्था
डीडी उइके पहले से सक्रिय | Betul Politics
भाजपा की पहली ही लिस्ट में बैतूल संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार के रूप में वर्तमान सांसद डीडी उइके की टिकट डिक्लियर हो गई थी। वैसे भी भाजपा लंबे समय से चुनावी मोड़ में चल रही थी। भाजपा हाईकमान के निर्देशों के चलते प्रत्याशियों की नाम की घोषणा के पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव प्रचार प्रारंभ हो चुका था। और वर्तमान में भी चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों की तुलना में भाजपा प्रत्याशी डीडी उइके एवं भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधि पूरे संसदीय क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। यह बात अलग है कि चुनाव 11 दिन बढऩे के कारण भाजपा और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार-प्रसार में अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा। चूंकि भाजपा अन्य दलों की तुलना में संपन्नता के मामले में सबसे आगे हैं इसलिए खर्च बढऩे पर भाजपा को कोई अतिरिक्त परेशानी नहीं होगी। ऐसा राजनैतिक समीक्षकों का मानना है।
कांग्रेस को हाथ खींचकर करना पड़ेगा काम
भाजपा प्रत्याशी की तुलना में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा बाद में की है और 2019 का लोकसभा चुनाव रिकार्ड मतों से वर्तमान भाजपा प्रत्याशी से हारने वाले रामू टेकाम को कांग्रेस ने 2024 के चुनाव में पुन: मैदान में उतारा है जिसको लेकर कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग और कई पूर्व विधायक अपना असंतोष जाहिर करने कांग्रेस हाईकमान के पास भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंचे लेकिन टिकट में कोई बदलाव नहीं हुआ। और कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी को इन असंतुष्टों को मनाने के लिए उनके घरों घर पहुंचकर मान मनौव्वल तक करनी पड़ी थी। इसी के चलते कांग्रेस का चुनाव प्रचार भी भाजपा की तुलना में काफी दिनों बाद शुरू हो पाया था। अब 11 दिन और चुनाव बढऩे से कांग्रेस को एक नया संकट सामने दिखाई दे रहा है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि एक तो कांग्रेस के खाते फ्रीज होने से पहले से ही कांग्रेस आर्थिक तंगी से जूझ रही है। ऐसे में बैतूल संसदीय सीट के चुनाव 11 दिन और अधिक बढ़ जाने से चुनाव के दौरान होने वाला व्यय भी बढ़ जाएगा।
इनका भी बढ़ेगा खर्च | Betul Politics
बैतूल संसदीय सीट से भाजपा-कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी से भूरेलाल बैठेकर, भारत आदिवासी पार्टी से अनिल उइके, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सुनेर उइके, स्वतंत्र किसान पार्टी एवं निर्दलीय सुभाष बारस्कर और भागचरण वरकड़े निर्दलीय प्रत्याशियों को भी चुनाव प्रचार करने के लिए ना सिर्फ बैतूल बल्कि हरदा और हरसूद लोकसभा क्षेत्र कवर करना पड़ेगा। इस में प्रचार -प्रसार में इन प्रत्याशियों को भी अतिरिक्त व्यय वहन करना पड़ेगा। राजनैतिक समीक्षकों का यह मानना है कि बड़े राजनैतिक दलों के प्रत्याशी तो काफी हद तक चुनाव खर्च जैसे-तैसे वहन करने में सक्षम हैं लेकिन छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए 11 दिन चुनाव आगे बढऩा अधिक खर्चे का काम हो गया है। गौरतलब है कि बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद चुनाव आयोग ने नए प्रत्याशी को नामांकन करने के लिए 19 अप्रैल तक का समय दिया है।
- ये खबर भी पढ़िए :- Betul News | बसपा प्रत्याशी अशोक भलावी का हुआ अंतिम संस्कार
5 thoughts on “Betul Politics | तारीख बढ़ने से महंगा हुआ चुनाव”
Comments are closed.