बैतूल नपा के चुनाव परिणाम आने के बाद श्रेय लेने की होड़
बैतूल{Betul ke Vikash Purush} – आज के राजनैतिक परिदृश्य में समर्थक अपने नेताओं की हौसला अफजाई करने के लिए उन्हें कई विशेषणों से संबोधित करते हैं। ताकि उनका नेता भीड़ से अलग दिखे और हम पर हमारे नेता का आशीर्वाद बना रहे। ऐसे ही कुछ राजनैतिक संबोधनों में सबसे बड़ा संबोधन विकास पुरूष माना गया है।
इसके अलावा पितृपुरूष, प्रेरणास्त्रोत, युवा हृदय सम्राट, राजा साहब, कुंवर साहब, श्रीमंत, महाराज, साहब, जन-जन के लाड़ले, युवाओं के प्रेरणास्त्रोत, सक्रिय समाजसेवी, कत्र्तव्यनिष्ठ, ईमानदार छवि के धनी, मदृभाषी, मिलनसार, निष्ठावान, प्रसिद्ध, हरदिल अजीज जैसे संबोधनों से कार्यकर्ता अपने नेता को खुश करने का प्रयास करते हैं। ताकि आमजनों में भी उनके नेता की छवि बड़ी बनी रहे।
बैतूल के पहले विकास पुरूष थे विजय खंडेलवाल
बैतूल जिले की राजनैतिक फिजा की बात करें तो 1978 में नगर पालिका अध्यक्ष बनने के बाद गैर कांग्रेसी राजनीति में सक्रिय हुए विजय कुमार खण्डेलवाल (मुन्नी भैय्या) जिला सहकारी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष बने। और फिर 1983 में जिला भाजपा के अध्यक्ष बनने के बाद 1996 में पहली बार बैतूल लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने और 2007 तक दिग्विजयी सांसद रहे।
श्री खण्डेलवाल बैतूल के पहले स्थानीय नेता थे जो सांसद बने। और उनके 11 वर्ष के संसदीय काल के दौरान उनके समर्थकों ने उन्हें विकास पुरूष की संज्ञा दी। आज भी स्व. विजय कुमार खण्डेलवाल को विकास पुरूष के नाम से ही जाना जाता है और भाजपा द्वारा आयोजित हर कार्यक्रम और हर प्रचार सामग्री में विकास पुरूष बताया जाता है।
अब अलकेश ने स्वयं को बताया विकास पुरूष
अभी तक विशेषकर भाजपा की राजनीति में यह माना जाता था कि विकास पुरूष याने सिर्फ और सिर्फ स्व. विजय कुमार खण्डेलवाल ही हैं। लेकिन आज सोशल मीडिया पर पूर्व विधायक और पूर्व नपाध्यक्ष अलकेश आर्य ने एक पोस्ट डालकर स्वयं को विकास पुरूष की संज्ञा दी है। और इस पोस्ट में उन्होंने यह उल्लेख किया है कि उनके द्वारा शहर के किए विकास पर मोहर लगी है। विदित हो कि अलकेश आर्य 2015 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीधे चुनाव में बैतूल नगर पालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। और 2020 में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था।
लेकिन नपा में 2020 से 2022 तक कलेक्टर प्रशासक के रूप में कार्य करते रहे। अलकेश आर्य की इस पोस्ट का राजनैतिक अर्थ यह निकाला जा रहा है कि उन्होंने 5 वर्ष नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में शहर का जो विकास किया था उसके कारण ही कल भाजपा को नगर पालिका परिषद में फिर से बहुमत मिला है।
अलकेश आर्य ने चुनावी सफलता का लिया श्रेय
वैसे तो 2010 से 2015 का कांग्रेस के डॉक्टर राजेंद्र देशमुख के नपा के अध्यक्षीय कार्यकाल को छोड़ तो 1994 से अभी तक भाजपा का नपाध्यक्ष निर्वाचित होता रहा है। 1994 से 2007 तक भाजपा में विजय खण्डेलवाल का कहा सर्वाेपरि होता था और इस दौर में भाजपा के शिवप्रसाद राठौर, आनंद प्रजापति, श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर नपाध्यक्ष निर्वाचित होती रही है लेकिन इस दौर में किसी और भाजपा नेता की इतनी जुर्रत नहीं हुई कि उसने भाजपा की इन सफलताओं का श्रेय लेने का प्रयास किया हो।
उस दौर में विधानसभा, जिला पंचायत, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, नगरीय निकायों सहित हर संस्था में भाजपा की सफलता का श्रेय विकास पुरूष विजय कुमार खण्डेलवाल के चुनाव प्रबंधन को दिया जाता था लेकिन यह पहला अवसर सामने आया है जिसमें विकास पुरूष की संज्ञा विजय कुमार खण्डेलवाल के अलावा किसी ने स्वयं को दी है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि बैतूल नगरपालिका में भाजपा को मिली जोरदार सफलता के पीछे भाजपा के पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल और जिला भाजपा अध्यक्ष बबला शुक्ला की कुशल रणनीति और चुनावी प्रबंधन था।
स्व. विजय खंडेलवाल एवं अलकेश है दिग्विजयी
अलकेश आर्य ने अपने राजनैतिक जीवन में अभी तक की स्थिति में एक ऐसा रिकार्ड कायम किया है जो बैतूल जिले के राजनैतिक इतिहास में सिर्फ स्व. विजय कुमार खण्डेलवाल के नाम दर्ज था। विजय कुमार खण्डेलवाल ने 1978 से 2004 तक जितने भी चुनाव लड़े सब में सफलता प्राप्त की और अपने देहावसन के समय तक दिग्विजयी सांसद कहलाए। अर्थात वे कोई भी चुनाव नहीं हारे। यही रिकार्ड अलकेश आर्य के नाम से भी दर्ज है। शायद इसलिए अलकेश आर्य ने स्वयं को बैतूल विकास पुरूष बताते हुए सोशल मीडिया पर लोगों को मैसेज भेजा है।
श्री आर्य सबसे पहले भाजपा उम्मीदवार के रूप में 2008 में बैतूल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2013 तक विधायक रहे। इसी दौर में उन्हें पार्टी ने कृषि उपज मंडी बैतूल के अध्यक्ष का चुनाव लड़वाया और वह चुनाव जीते। 2013 में उन्हें टिकट नहीं मिली। लेकिन 2015 में पार्टी ने उन्हें बैतूल नगरपालिका अध्यक्ष के सीधे चुनाव में उतार दिया और वो 2020 तक नगर पालिका अध्यक्ष रहे। इसके पहले अलकेश आर्य भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष, जिला भाजपा के महामंत्री, 2004 से 2006 तक भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रहे। और इसके बाद किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री, प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य भी मनोनीत हुए हैं।