वैधानिक कार्यवाही की दी चेतावनी
Betul CMHO – बैतूल – सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध जाटव पर लोकायुक्त ने रिश्वत मामले में मामला दर्ज किया था। इस रिश्वतकाण्ड में जहां सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध मुख्य आरोपी है वहीं उनके लिए रिश्वत लेने वाला लैब टेक्रीशियन राधा गोविंद शुक्ला सह आरोपी है। इस मामले में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि जिसमें मुख्य आरोपी ने सहआरोपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे इस मामले में जवाब मांगा है और जवाब संतोषप्रद ना होने पर उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी है। जबकि सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध को हटाने के लिए कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने प्रमुख सचिव और हेल्थ कमिश्रर को पत्र लिखा है।
राधागोविंद शुक्ला को जारी हुआ नोटिस | Betul CMHO
शाहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ लैब टेक्रीशियन राधागोविंद शुक्ला को सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने 14 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि 10 अगस्त को लोकायुक्त भोपाल की टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में कार्यवाही की और लोकायुक्त टीआई मनोज पटवा ने बताया कि भौंरा में स्थित डॉ. महेश पाटनकर के निजी क्लीनिक के पंजीयन दस्तावेजों में उनके भतीजे डॉ. सागर पाटनकर का नाम जोडऩे हेतु सामदुायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में आपको 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। इसको लेकर 24 घंटे के अंदर तथ्यात्मक जानकारी बीएमओ शाहपुर के स्पष्ट अभिमत सहित मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। क्यों ना आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। आपके जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
अखबारों की कटिंग के आधार पर नोटिस जारी
इस नोटिस में सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने बैतूल के दो समाचार पत्रों का उल्लेख करते हुए इस नोटिस के साथ कटिंग भी संलग्र की है। अब सवाल यह उठता है कि सीएमएचओ डॉ. बौद्ध को यह जानकारी अखबारों से मिली है। जबकि 10 अगस्त की देर रात तक सीएमएचओ कार्यालय में डॉ. बौद्ध की उपस्थिति में कार्यवाही की और कई दस्तावेजों की जांच की। रिश्वतकाण्ड में आरोपी बनाए गए डॉ. बौद्ध को जिला महामारी नियंत्रक डॉ. राजेश परिहार की जमानत पर रिहा गया।
छुट्टी पर हैं शुक्ला | Betul CMHO
लैब टेक्रीशियन राधागोविंद शुक्ला को सीएमएचओ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पर यह नोटिस उन्हें मिला नहीं है। राधागोविंद शुक्ला का कहना है कि 15 अगस्त को उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया था। जिसके इलाज के लिए उन्होंने छुट्टी ली है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का कर्मचारी उनके घर गया पर लेकिन घर पर कोई नहीं होने से नोटिस बैतूल कार्यालय वापस कर्मचारी द्वारा ले जाया गया है।
लोकायुक्त के पास है कई साक्ष्य
बैतूल कार्यवाही करने आए लोकायुक्त टीआई मनोज पटवा से सांध्य दैनिक खबरवाणी ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि लोकायुक्त के पास सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध के खिलाफ कई साक्ष्य है। उसी के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।
फंसा वैधानिक पेंच | Betul CMHO
जानकारों की माने तो इस नोटिस को लेकर वैधानिक पेंच है। क्योंकि सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध को मामला दर्ज होने के बाद हटाया नहीं गया और वर्तमान में भी सीएमएचओ हैं। जिसके कारण वे नोटिस जारी कर सकते हैं। अब दूसरा सवाल यह है कि नियम से जिन्हें उनको हटाना था उन्होंने लोकायुक्त की सूचना मिलने के बाद भी अभी तक क्यों नहीं हटाया? इससे तो यह स्पष्ट है कि जब तक उन्हें हटाया या कार्यवाही नहीं की जाती तब तक वह बतौर सीएमएचओ काम करते रहेंगे। अब वरिष्ठ अधिकारियों पर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें यह मौका क्यों दिया जा रहा है।
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