आकर्षण का केंद्र बनी वनग्राम कोल्हूढाना के घोडीदेव की चट्टान
खेड़ी सांवलीगढ़(मनोहर अग्रवाल) – दक्षिण वन मंडल सामान्य के ताप्ती वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वनग्राम कोल्हूढाना गांव से ताप्ती नदी के निकट सघन वनों से आच्छादित वन क्षेत्र में घोडीदेव नामक स्थल है। जहाँ जंगल में हर पत्थर की अपनी एक अलग पहचान है। कोई पत्थर नाग की आकृति का है। तो कोई छतरी के आकार का तो कोई चट्टान लटकी हुई ऐसे दिखलाई देती है की कहीं छूने से यह गिर न जाए। ऐसे ही आश्चर्य में डालने वाली सच्चाई है घोडीदेव बाबा स्थल की जहाँ वर्ष के बारह महीने इस अलौकिक सुंदरता को देखने लोगो की आवाजाही लगी रहती है। यहां पर घोडीदेव बाबा में ग्रामीणों की गहरी आस्था है। लोग दूर-दूर से यहाँ मनोकामना लेकर जाते है और बाबा का पूजन कर पिकनिक मनाते है।
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पिकनिक मनाने के बाद घोडीदेव बाबा की पहाड़ी के नीचे गुफा में विराजित माँ चंडी की गुफा में दर्शन करते है फिर भीम शिला के दर्शन कर ऐसी विचित्र चट्टानों के दर्शन करते है जो रायसेन जिले के भीमबैठका स्थल पर शेलाश्रयो के रूप में देखे जा सकते है। ग्रामीणों के अनुसार एक छतरी चट्टान है। जिसे छूने का भी डर लगता है कि बैलेंस बिगड़ जाए और यह नीचे गिर न जाए। देखने वालों ने सारे प्रयास कर लिए चट्टान ऐसी मजबूती से बैलेंस बनाये हुए है कि वह प्रयास करने पर भी हिलती नही लोग इसके ऊपर भी चढक़र देख लिये लेकिन यह बड़ी ही आश्चर्य में डालती है। जिसे देखकर लोग इसे कहते है प्रकृति का बेलेंस हो तो ऐसा जो प्रकृति ने दिया है इस चट्टान को दिया है।