Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

महादेव बेटिंग ऐप केस में बघेल की बढ़ी मुश्किलें, CBI ने बनाया आरोपी

By
On:

रायपुर: छत्तीसगढ़ में महादेव बेटिंग ऐप घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है। 1 अप्रैल 2025 को सीबीआई ने मामले में अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) सार्वजनिक की, जिसमें भूपेश बघेल को छठा आरोपी बनाया गया। इस एफआईआर में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें महादेव ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भी शामिल हैं। 

महादेव बेटिंग ऐप घोटाला उजागर महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म है, जो 2018 में शुरू हुआ और 2019-2020 के COVID-19 लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ा। इस ऐप के जरिए भारत में पोकर, क्रिकेट, फुटबॉल, कार्ड गेम और यहां तक ​​कि चुनावों पर भी सट्टा लगाया जाता था। सीबीआई जांच में पता चला कि इस ऐप ने अवैध सट्टेबाजी के जरिए करीब 6,000 करोड़ रुपये कमाए। इस घोटाले में बड़े पैमाने पर हवाला के जरिए पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनेताओं को 'प्रोटेक्शन मनी' दी गई, ताकि यह अवैध कारोबार बिना किसी बाधा के चलता रहे।

भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप सीबीआई की एफआईआर में भूपेश बघेल पर महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों से करीबी संबंध रखने और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की समानांतर जांच में दावा किया गया है कि बघेल ने इस ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। सीबीआई ने ईडी की इस रिपोर्ट को अपनी एफआईआर का हिस्सा बनाया है।

एफआईआर में अन्य आरोपी

सीबीआई ने इस मामले में 21 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल मुख्य मास्टरमाइंड हैं। दोनों फिलहाल दुबई में रह रहे हैं और उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। अन्य आरोपियों में शुभम सोनी (पिंटू), चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, नीतीश दीवान, अनिल अग्रवाल (उर्फ अतुल अग्रवाल), विकास छपारिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरिशंकर टिबरेवाल, सुरेंद्र बागरी, सूरज चोखानी और दो अज्ञात व्यक्ति (एक पुलिस अधिकारी सहित) शामिल हैं।

ईओडब्ल्यू के बाद सीबीआई ने की जांच

मार्च 2024 में छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले की शुरुआत की थी, जब ईडी की रिपोर्ट के आधार पर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में अगस्त 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की। अगस्त 2024 और जनवरी 2025 के बीच, सीबीआई ने राज्य पुलिस द्वारा दर्ज 77 एफआईआर की समीक्षा की, जिसमें रायपुर में ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज एक एफआईआर भी शामिल है, जिसमें बघेल को आरोपी बनाया गया था। सीबीआई ने 18 दिसंबर 2024 को अपनी एफआईआर दर्ज की थी, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है।

सीबीआई की छापेमारी

सीबीआई ने 26 मार्च 2025 को चार राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित आवास भी शामिल हैं। इस दौरान सीबीआई ने तीन फोन और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए, जिनमें वित्तीय लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड भी शामिल हैं। बघेल ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि सीबीआई ने उनके मूल दस्तावेज ले लिए और फोटोकॉपी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस ऐप को संरक्षण दे रहे हैं, क्योंकि मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जबकि उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी है। कांग्रेस ने इसे साजिश बताया इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है। 

कांग्रेस ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है, जबकि भाजपा का कहना है कि यह जांच निष्पक्ष है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बघेल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने इस ऐप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News