जानें, अंजीर की खेती के किसानों को कितना हो सकता है लाभ
अंजीर की खेती भी बनाति है किसान को माला मॉल बजार में इसकी डिमांड किसानो को करती है माला मॉलकिसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे है। सरकार किसानों को परंपरागत फसलों के स्थान पर व्यापारिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी क्रम में सरकार की ओर से अंजीर की खेती (fig farming) को महत्व दिया जा रहा है।
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अंजीर की खेती : अंजीर की खेती भी बनाति है किसान को माला मॉल बजार में इसकी डिमांड किसानो को करती है माला मॉल
सरकार का मानना है कि किसान परंपरागत फसलों की खेती से ज्यादा व्यापारिक फसलों की खेती से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। यहां व्यापारिक फसलों से हमारा तात्पर्य मार्केट डिमांड वाली फसलों से है जिनकी मांग बाजार में अधिक रहती है। इन्हीं व्यापारिक फसलों में अंजीर भी है जिसकी बाजार मांग काफी अच्छी है। यही कारण है कि सरकार की ओर से भी किसानों को अंजीर की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बजार में इसकी डिमांड किसानो को करती है माला मॉल
खास बात यह है कि अंजीर की खेती (Fig Farming) के लिए किसानों को राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) भी दी जा रही है। किसान सरकारी सब्सिडी के साथ अंजीर की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। अंजीर का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी अच्छा माना जाता है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे इसका सेवन कई प्रकार की बीमारी में लाभप्रद माना गया है। इसी कारण इसकी मांग बाजार में हर मौसम में रहती है।
देश में इन राज्यों में होती है अंजीर की खेती (Fig Farming)
अंजीर की बाजार मांग को देखते हुए अंजीर की खेती (Fig Farming) किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। बता दें कि अंजीर की खेती राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के कुछ भागों में की जाती है। यहां किसान अंजीर की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
आज हम खबरवानी माध्यम से आपको अंजीर की खेती पर सब्सिडी (Subsidy on Fig Cultivation), अंजीर की खेती का तरीका (Fig cultivation method), अंजीर की उन्नत किस्में (improved varieties of figs) और अंजीर की खेती से लाभ (benefits of fig cultivation) आदि की जानकारी दे रहे हैं, तो आइये जानते हैं, इन सबके बारे में।
अंजीर की खेती के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी (Subsidy on Fig Cultivation)
अंजीर की खेती के लिए किसानों को अंजीर की फसल लागत पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह सब्सिडी केंद्र सरकार की ओर से संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत दी जाएगी। कई राज्य सरकारें अपने राज्य के भूमि, जलवायु व मौसम के आधार पर किसानों को फल, सब्जी की खेती करने के लिए 50 प्रतिशत या इससे भी अधिक सब्सिडी देती हैं। इसी कड़ी में यूपी सरकार की ओर से किसानों को ड्राई फ्रूटस् की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार प्रदेश में पड़ी बंजर भूमि पर अंजीर की खेती करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। अंजीर की खेती पर मिलने वाली सब्सिडी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
बंजर भूमि पर भी की जा सकती है अंजीर की खेती (Fig Farming)
बता दें कि बंजर भूमि पर भी अंजीर की खेती (fig farming) की जा सकती है। हालांकि अंजीर की खेती अच्छे जल निकास वाली सब तरह की भूमि में की जा सकती है। यूपी में भूमि बंजर अधिक हो चुकी है, ऐसे में यूपी में अंजीर की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। किसान अंजीर की खेती करके बंजर भूमि का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकेंगे।
अंजीर की खेती से कितनी हो सकती है कमाई/लाभ (Benefits of Fig Cultivation)
अंजीर की खेती से किसान काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक हैक्टेयर में अंजीर के 250 पौधे लगाए जा सकते हैं और अंजीर के एक पेड़ से करीब 20 किलोग्राम अंजीर फल प्राप्त होता है। क्वालिटी के हिसाब से बाजार में इसका रेट 500 से 800 रुपए किलोग्राम तक है। इस हिसाब से किसान अंजीर की एक हैक्टेयर में खेती करके 25 से 30 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं।
अंजीर की खेती के लिए उन्नत किस्में (Improved Varieties of Figs)
अंजीर की खेती करने से पहले हमें इसकी किस्मों की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अंजीर का बाजार भाव इसकी क्वालिटी पर निर्भर करता है। इसलिए इसकी खेती के लिए बेहतर क्वालिटी के बीजों का चयन करना चाहिए। अंजीर की खेती के लिए कई प्रकार की उन्नत किस्में (improved varieties of figs) हैं जिनमें बीएफ 1 प्रजाति, बीएफ-2 और बीएफ- 3 प्रजातियां शामिल हैं। इनमें सबसे अच्छी अंजीर की किस्म बीएफ 3 को माना जाता है। अंजीर की इस किस्म को बड़का अंजीर किस्म के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे की जाती है अंजीर की खेती/अंजीर की खेती का तरीका (Fig Cultivation Method)
अंजीर की खेती के लिए जुलाई से अगस्त का महीना अच्छा माना जाता है। इस अंजीर का रोपण करने से इसमें सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है। अंजीर के पौधे का रोपण करने से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लें, इसके बाद 6X6 की दूरी पर गड्ढे बनाएं। इससे पहले अंजीर के पौधे तैयार कर लें। इसके लिए एक से 2 सेंटीमीटर मोटी और 15 से 20 सेंटीमीटर लंबी इनकी परिपक्व कलमों के आधार पर इनको तैयार किया जाता है।
अंजीर की खेती : अंजीर की खेती भी बनाति है किसान को माला मॉल बजार में इसकी डिमांड किसानो को करती है माला मॉल
सर्दियों में अंजीर की कलम को लगभग 1 से 2 महीने तक कैल्सिंग की मिट्टी में दबाकर रखा जाता है। अंजीर की खेती के लिए गोबर की खाद सबसे अच्छी मानी जाती है। हालांकि इसमें फास्फोरस, पोटाश खाद का भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसमें नत्रजन खाद 10 से 15 ग्राम प्रतिवर्गमीटर कलम रोपित करने के एक महीने के बाद और इतनी मात्रा दो माह के अंदर देनी चाहिए। वहीं अंजीर के पौधे को बहुत कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। पौधा लगाने के बाद सप्ताह में एक से दो बार ही सिंचाई करना पर्याप्त रहता है।