मुलताई – Andhe Katl Ka Khulasa – थाना मुलताई क्षेत्रांतर्गत ग्राम महिलावाड़ी में 26 सितंबर को मृतक विजय पिता बालमुकुंद बुआड़े उम्र 42 साल नि. महिलावाड़ी का शव उसके खेत के मकान में संदिग्ध अवस्था मे मिलने की सूचना पर मृतक की मां पूरना बाई बुआड़े की रिपोर्ट पर मर्ग क्रमांक 143/22 धारा 174 जाफौ. का पंजीबध्द किया गया था । मामले की जांच के पश्चात् यह तथ्य सामने आया कि मृतक का गला घोटकर हत्या की गई थी ।इस मामले में धारा 302 का प्रकरण अज्ञात आरोपी के विरुध्द दर्ज कर विवेचना मे लिया गया।
टीम गठित कर की गई जाँच(Andhe Katl Ka Khulasa)
विवेचना के दौरान उक्त अंधे कत्ल का खुलाशा किये जाने एवं घटना की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद , अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मुलताई नम्रता सोधिया द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण कर घटना स्थल पर उपस्थित भौतिक साक्ष्यों के आधार पर निर्देशन व मार्गदर्शन मे अंधे कत्ल के अज्ञात आरोपी की तलाश पतारसी हेतु पुलिस टीम गठित कर पुलिस टीम द्वारा तलाश पतारसी प्रारंभ की गई थी।
पुलिस टीम द्वारा प्रकरण की निरंतर विवेचना, वरिष्ठ अधिकारियों अति. पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी के मार्गदर्शन एवं तकनीकी संसाधनो का उपयोग कर विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि विजेन्द्र उर्फ अम्बू पिता शिवकिशोर बुआड़े उम्र 24 साल नि. महिलावाड़ी से मृतक विजय ने घटना के कुछ समय पहले 3-4 हजार रुपये उधार लिये थे जो मृतक विजय ने वापस नही किये थे।
कुछ दिन पहले हुआ था विवाद(Andhe Katl Ka Khulasa)
एक माह पहले विजेन्द्र उर्फ अंबू की दादी सुमन बाई को मृतक विजय बुआड़े ने शराब के नशे मे गलत बाते कहीं थी जिसके कारण विजेन्द्र उर्फ अंबू व मृतक विजय बुआड़े के बीच 25 सितंबर को फोन पर बात कर झगड़ा वाद विवाद हुआ था। जिसके कारण विजेन्द्र उर्फ अंबू ने रंजिश रखते हुये मौका पाकर 25 तारीख की दरम्यानी रात मे मृतक विजय बुआड़े के खेत मे बने सूने मकान मे जाकर नायलान की रस्सी से सोते समय उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
आरोपी विजेन्द्र उर्फ अम्बू पिता शिवकिशोर बुआड़े उम्र 24 साल नि. महिलावाड़ी को मुलताई पुलिस ने संदेह के आधार पर अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया जिसने अपना जुर्म स्वीकार करने पर गिरफ्तार किया जाकर आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
इनकी रही अहम् भूमिका
अंधे कत्ल का खुलाशा किये जाने मे थाना प्रभारी निरी. सुनील लाटा, चौकी प्रभारी उप निरी. राकेश सरयाम, सउनि रणधीर सिंह ठाकुर, प्रआर. 411 नीलेश सोनी, प्रआर. 484 दिनेश बरडे, आर. 603 विनोद, 118 विवेक चौरे, सैनिक 96 हजारी सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस के अतिरिक्त सायबर सेल प्रभारी उनि, राजेन्द्र राजवंशी एवं आर. राजेन्द्र धाडसे द्वारा तकनीकी संसाधनो के माध्यम से समय पर जानकारी उपलब्ध कराया गया जिनकी भूमिका रही।
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