बैतूल:- आमला थाना क्षेत्र के बोडखी में एक महिला डॉक्टर ने अपने पड़ोसियों पर ज़मीन पर कब्जा करने, मानसिक प्रताड़ना, तोड़फोड़ और जान से मारने की धमकियों का गंभीर आरोप लगाया है। मामला एसपी कार्यालय तक पहुंच चुका है, जहां पीड़िता ने पूरे घटनाक्रम के साक्ष्यों सहित कार्रवाई की मांग की है।
1. आवेदक डॉ. नेहा सहगल ने अपने पड़ोसी पर उनकी निजी संपत्ति में अवैध रूप से घुसकर तोड़फोड़, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकियों के गंभीर आरोप लगाए हैं। डॉ. नेहा सहगल ने यह शिकायत बैतूल की डीएसपी को एक लिखित आवेदन के माध्यम से दी है, जिसमें उन्होंने न्याय की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
2. डॉ. नेहा सहगल ने बताया कि 27 जून की शाम 5:15 बजे के आसपास अनावेदक पड़ोसियों ने उनके निवास स्थान पर पहुंचकर उनकी पानी की टंकी और पाइप को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है, जिसे वह पहले ही बोडखी चौकी में सौंप चुकी हैं। इसके अतिरिक्त आमला थाना प्रभारी को भी इस संबंध में आवेदन दिया गया है।
3. पीड़िता ने बताया कि उनकी भूमि खसरा नंबर 8/27 रकबा 0.040 हेक्टेयर पर उनकी पूरी संपत्ति स्थित है, जिसकी सीमांकन रिपोर्ट तहसीलदार द्वारा 1 अप्रैल 2024 को कराई जा चुकी है। इस सीमांकन में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि विवादित गली और रिक्त भूमि उनकी ही संपत्ति का हिस्सा है। इसके बावजूद अनावेदक उक्त भूमि पर कब्जा जमाए बैठे हैं और लगातार मानसिक प्रताड़ना कर रहे हैं।
4. डॉ. नेहा ने यह भी कहा कि गत वर्ष 27 फरवरी 2024 को उन्होंने बोडखी चौकी प्रभारी को इस संबंध में शिकायत दी थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि अनावेदक व्हाट्सएप कॉल पर भी उन्हें जान से मारने की धमकी दे चुके हैं। पीड़िता के अनुसार, अनावेदक उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं और झूठे केस में फंसाने की धमकियां देते हैं।
5. वर्तमान में स्थिति यह है कि पीड़िता की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया है और उस गली में उनके परिवार का आना-जाना भी रोक दिया गया है। तहसील कार्यालय से प्राप्त सीमांकन प्रतिवेदन में साफ लिखा गया है कि विवादित भूमि नेहा सहगल के खसरा नंबर 8/27 का हिस्सा है। इसके बावजूद उनके साथ हो रही प्रताड़ना अब असहनीय हो चुकी है। पीड़िता डॉ. नेहा सहगल ने डीएसपी से मांग की है कि अनावेदकों पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनकी निजी संपत्ति की रक्षा हो सके।