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शराब पीने वालों सावधान! सीलबंद बोतलों में निकल रही मिलावटी शराब

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यदि आप भी शराब पीने के शौकीन है और सीलबंद बोतल खरीद रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. बहुत संभव है कि आपकी शराब मिलावटी हो. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां कंपोजिट शराब की दुकान में शराब में पानी मिलाकर बेचा जा रहा था. लोग सीलबंद बोतल देखकर खरीद लेते थे, लेकिन नशा नहीं होता था. इस संबंध में लगातार शिकायतें आ रही थीं. इन शिकायतों को देखते हुए आबकारी विभाग की टीम ने दबिश दी. इसमें जो खुलासा हुआ, उसे देखकर टीम के अधिकारी भी हैरान रह गए.

दरअसल इस दुकान में ब्रांडेड शराब की बोतलों का सील तोड़ कर शराब चोरी की जाती थी और समान मात्रा में पानी मिलाकर वापस सीलपैक कर दिया जाता था. वहीं निकाली गई शराब को दूसरे बोतल में भर कर वापस सीलपैक कर बेच दिया जाता था. इस दौरान बोतल पर लगा क्यूआर कोड और होलोग्राम स्टीकर तक बदल दिया जाता था. यह काम दुकान मालिक और सेल्समैन की मिलीभगत से चल रहा था. मामला गाजीपुर में सैदपुर थाना क्षेत्र के हसनपुर भद्रसेन गांव का है.

महज 32 फीसदी मिली तीव्रता
मामला का खुलासा होने के बाद आबकारी विभाग की टीम ने दुकान को सील करते हुए दुकानदार व सेल्समैन को हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया है. इस संबंध में आबकारी इंस्पेक्टर की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आबकारी इंस्पेक्टर नीरज पाठक के मुताबिक इस दुकान में बरामद शराब में अल्कोहल की तीव्रता 43% की जगह महज 32% ही मिला है. इससे शराब में पानी की मिलावट की पुष्टि हुई है.

शराब की बोतल पर बीयर का क्यूआर
यही नहीं, शराब की कुछ बोतलों पर बीयर का क्यूआर कोड भी मिला है. इससे जाहिर होता है कि ओरिजनल बोतल में से निकाली गई शराब को खाली बोतलों में भरकर नकली क्यूआर कोड और होलोग्राम लगाकर बेचा जा रहा था. इसके अलावा सभी बोतलों में शराब की तीव्रता अलग मिली है. जबकि सभी बोतलों में शराब में अल्कोहल की तीव्रता समान होती है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें अरेस्ट कर लिया है.

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