देशी जुगाड़ के चक्कर में कभी भी हो सकता है गंभीर हादसा
भीमपुर(श्याम आर्य) – Aisa Desi Jugaad – जिले के कालापानी कहे जाने वाले भीमपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर देशी जुगाड़ के माध्यम से पुल पुलिया पार करने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में कभी भी गंभीर हादसा घटित हो सकता है। ग्रामीणों द्वारा बाईक के दोनों ओर दो बल्लियां बांधकर पुल पर पानी होने के बाद भी नदी पार की जा रही है जिससे गंभीर हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
देशी जुगाड़ कर पार कर रहे पुल
भीमपुर ब्लॉक क्षेत्र के कुनखेडी डोडाजाम खैरा होते हुए दामजीपुरा राहगीरों महाराष्ट्र तक जाते हैं। बीती रात 6 ,7 बजे तेज गरज चमक के साथ मुसलाधार बारिश शुरू हो गई जिसके चलते आवागमन बाधित हो गया था। वही कई ग्रामीण देसी जुगाड़ करके दो बड़ी बल्लियां के माध्यम से बाइक को दोनों बल्लियां के बीच बांधकर जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हुए नजर आए। कई ग्रामीण चलती हुई बाढ़ में भी मना करने के बावजूद भी नदी पार कर रहे है।
समझाने भी जोखिम में डाल हरे जान
वहीं कई राहगीरों ने ग्रामीणों को समझाया भी की बाढ़ तेज है ऐसे में नदी पार नहीं करना चाहिए लेकिन किसी की नहीं मानी और जान जोखिम में डाल दिया और नदी पार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मोहदा थाना के कुन खेड़ी, डोडा जाम मार्ग पर बोरी के समीप पुल छोटा होने के कारण थोड़ी सी बारिश में ऊपर से बाढ़ आ जाती है जिससे आवागमन बाधित हो जाता है । नदी के पुलिया पर जान जोखिम में डालकर वाहनों से ग्रामीण नदी पार कर रहे हैं। ऐसे में नदी के तेज बहाव के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्रशासन की ओर से इस तरफ कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
पुल पर दो फीट पानी होने पर भी कर रहे पार
आपको बता दें कि मोहदा थाना क्षेत्र के डोडाजाम जाने वाले रास्ते पर नदी पर बनी पुल के ऊपर करीबन 1-2 फीट पानी होने के बाद भी राहगीरों द्वारा जान जोखिम में डालकर वाहन निकालते बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा इस ओर कोई अंकुश नहीं लगाने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। गौरतलब है कि बारिश के समय पुल पर हमेशा नदी का पानी रहता है। पुल के ऊपर पानी रहने के बावजूद भी ग्रामीण अपनी बाइक, गाड़ी और पैदल निकल कर इसे पार करते रहते हैं।
महाराष्ट्र से जोड़ता है यह रास्ता
ऐसे में नदी के बहाव के कारण कभी भी बहुत बड़े हादसे होने की संभावना है। यह रास्ता मध्य प्रदेश सीमा से महाराष्ट्र की बॉर्डर तक को जोड़ता है। हालांकि इस नदी के ऊपर पुल है परन्तु छोटा है 50 गावों में क्षेत्र में जाने के लिए सिर्फ यही एक रास्ता है, जिसके कारण राहगीर पानी में होकर जाने को मजबूर है। ऐसे में जल्द ही प्रशासन द्वारा अगर कोई अंकुश नहीं लगाया जाता है तो कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है।