Administrative surgery: मध्यप्रदेश में सोमवार रात एक साथ 26 आईएएस अफसरों के तबादले किए गए हैं। यह नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के पदभार ग्रहण के बाद पहला तबादला है। इस तबादले में कई अफसरों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जबकि इन पदों के लिए पूर्णकालिक अधिकारियों की आवश्यकता है। इसके कारण आगामी दिनों में कुछ और विभागीय अधिकारियों और जिलों के कलेक्टरों के बदलाव की संभावना जताई जा रही है।तबादले के आदेशों से संकेत मिले हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय (सीएमओ) और मुख्य सचिव कार्यालय (सीएस ऑफिस) के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। इसी क्रम में दो प्रमुख सचिवों को मुख्यमंत्री सचिवालय से वापस उनके संबंधित विभागों में भेजा गया है।
प्रमुख बदलाव:प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव को खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव, एमपी खनिज निगम के प्रबंध संचालक और संचालक खनिकर्म भौतिकी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह पद सचिव और अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को दिए जाने का अनुमान है।राजस्व मंडल, ग्वालियर के सदस्य नागर गोजे मदन विभीषण को भोपाल बुला लिया गया है, और उनके स्थान पर नए अधिकारी की जल्द नियुक्ति की जाएगी।मनोज पुष्प को संचालक पंचायत राज और सीईओ एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन के पद से हटाकर आयुक्त सहकारी संस्थाएं नियुक्त किया गया है। पंचायत राज संचालक और एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन के पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति होगी।गिरीश शर्मा को अपर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से परियोजना संचालक स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाया गया है।
जिलों के कलेक्टरों में संभावित बदलाव: कुछ जिलों के कलेक्टरों को भी बदला जा सकता है। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा का कार्यकाल तीन साल पूरा हो चुका है, जिससे उन्हें नए जिले में तैनात किया जा सकता है। नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना को भी अन्य जिले या विभाग में पदस्थ किया जा सकता है, जिसकी वजह हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी और स्थानीय स्तर पर विरोध माना जा रहा है।
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