बैतूल– आमला थाना क्षेत्र की 15 साल की नाबालिग के साथ कोचिंग संचालक ने दुराचार करने के मामले में जहां न्यायालय ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया ।
वही स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने करुणा हॉस्पिटल में जांच की और हॉस्पिटल का लायसेंस निरस्त कर दिया । करुणा हॉस्पिटल प्रबंधन ने उन पर लगे आरोपों को निराधार बताया है ।
गुरुवार को एसपी सिमाला प्रसाद के पत्र मिलने के बाद सीएमएचओ डॉ एके तिवारी ,तहसीलदार प्रभात मिश्रा,डीएचओ डॉ एनके चौधरी,महिला डॉक्टर प्रतिभा रघुवंशी ,डीपीएचएनओ मधु शुक्ला सहित उनकी टीम करुणा हॉस्पिटल पहुची ।
टीम ने जांच के दौरान पाया कि अस्पताल में रखी दो सोनोग्राफी मशीन मैं से एक मशीन का ही रजिस्ट्रेशन है दूसरी मशीन अवैध है । इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी मशीन जप्त कर ली ।

इसके अलावा पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया गया, जिस डॉक्टर के नाम से लैब रजिस्टर्ड है वह डॉक्टर मौजूद नहीं मिला और जो कर्मचारी वहां उपस्थित थे उनके पास डिग्री नहीं थी । इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी लैब भी सील कर दिया ।
इसके साथ ही एबॉर्शन कक्ष भी सील किया गया । डॉ तिवारी ने बताया कि कलेक्टर अमन बीरसिंह बैंस के निर्देश पर करुणा हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है ।
डॉ एके तिवारी ने बताया कि पुलिस के पत्र के बाद जांच की गई जिसमें एक सोनोग्राफी मशीन अवैध रूप से पाई गई ,पैथोलॉजी लैब का संचालन अवैध रूप से हो रहा था। इनको जो एमटीपी का लाइसेंस दिया गया था वह 12 हफ्ते का था लेकिन उन्होंने उससे ज्यादा समय का गर्भपात किया है। इसके अलावा नाबालिग का गर्भपात बिना अनुमति के नहीं किया जाता है इसको लेकर एमटीपी का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा । इनका पैथोलॉजी लैब का लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा ।

करुणा हॉस्पिटल पर लगे अवैध गर्भपात के आरोप को लेकर हॉस्पिटल के मैनेजमेंट को संभालने वाले डॉ वंदना कापसे के पति डॉ भगवत कापसे ने आरोपों को लेकर कहा कि जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार है । उन्होंने कहा कि पीड़िता की उम्र 20 साल लिखी थी और वह किसी महिला के साथ आई थी । उसकी हालत कमजोर थी उसकी जांच के बाद उसे जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड बुलवाकर लगवाया गया था ।
पुलिस ने जो दस्तावेज जप्त किए हैं उसमें कोई डीएनसी ,कोई अबॉर्शन करने का रिकॉर्ड नहीं है । पीड़िता ने कहीं नहीं बोला कि उसका करुणा हॉस्पिटल में अबॉर्शन हुआ है उसने बोला है कि उसका इलाज हुआ है । आज स्वास्थ्य विभाग ने जो कार्रवाई की है वह बिना नोटिस के की है उन्हें पहले नोटिस देना चाहिए था ।
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