तेज रफ़्तार से सड़को पर Royal Enfield Bullet दौड़ाते नजर आई साड़ी पहनी महिला, देखे वायरल वीडियो

By
On:
Follow Us

तेज रफ़्तार से सड़को पर Royal Enfield Bullet दौड़ाते नजर आई साड़ी पहनी महिला, देखे वायरल वीडियो। इंटरनेट पर 10 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाएं रॉयल एनफील्ड बुलेट चला रही हैं. जहां एक महिला बाइक को आत्मविश्वास के साथ चला रही है, वहीं दूसरी महिला शांत होकर उसके पीछे बैठी है, दोनों ने पारंपरिक साड़ियां पहनी हुई हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि रात में भी कम रोशनी वाली सड़क पर राइडर कितनी आसानी से बाइक को संभालती है.

ये भी पढ़े- Accident Video: डैश कैम में कैद हुआ अमेरिका का भयानक सड़क हादसा! जिसे देख काँप उठेगी आपकी भी रूह, देखे वीडियो

कमेंट सेक्शन में महिलाओं की पोशाक को काफी सराहना मिली, क्योंकि पारंपरिक साड़ी पहनकर बाइक चलाना आम बात नहीं है.

लेकिन हेलमेट न पहनना सुरक्षा जोखिम

हालांकि, वीडियो का एक चिंताजनक पहलू यह है कि न तो राइडर और न ही पीछे बैठी महिला ने हेलमेट पहना हुआ है. यह स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि दोपहिया वाहन चलाते समय दुर्घटना की स्थिति में सिर की चोटों को रोकने के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है. हमारी वेबसाइट पर हेलमेट द्वारा सवारों की जान बचाने की कई कहानियां बताई गई हैं. हेलमेट न पहनना भी गैरकानूनी है. अगर कोई यात्री या पीछे बैठने वाला हेलमेट नहीं पहनता है, तो ट्रैफिक पुलिस चालान जारी कर सकती है.

देखे वायरल वीडियो

ढीले कपड़े पहनकर गाड़ी चलाना भी खतरनाक

इसके अलावा, मोटरसाइकिल चलाते समय ढीले कपड़े पहनना भी खतरनाक हो सकता है. साड़ी जैसे कपड़े चेन और स्प्रोकेट या पहियों में उलझकर दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. ढीले कपड़ों के पहिए में फंसने से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. सलवार-कमीज पहनने वाली महिलाओं के दुपट्टे के कारण भी कई दुर्घटनाएं होती हैं.

ये भी पढ़े- Faf Du Plessis ने पकड़ा उड़ता हुआ कैच! जिसके बदौलत RCB की प्लेऑफ में जगह पक्की

भारतीय सड़कें सुरक्षित नहीं हैं

भारत में आवारा पशुओं, मवेशियों और पैदल चलने वालों को सड़क पार करते हुए देखना आम बात है. इसके अतिरिक्त, ऐसे वाहन भी हैं जो गलत दिशा में गाड़ी चलाकर या बिना सिग्नल दिए लेन बदलकर यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं. भारतीय सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित गति सीमा के भीतर चलना महत्वपूर्ण है. इससे आपातकालीन स्थितियों में बेहतर नियंत्रण संभव हो जाता है