ये पेड़ नहीं किसानों के लिए है कुबेर का खजाना! एक बार लगाओ और सालोसाल कमाओ, कटहल एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है जिसे भारत में काफी पसंद किया जाता है। इसकी खेती कई किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन सकती है। आइए कटहल की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं:
कटहल की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
- जलवायु: कटहल उष्णकटिबंधीय फल है और गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ता है।
- मिट्टी: कटहल की खेती के लिए गहरी, दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए।
ये पेड़ नहीं किसानों के लिए है कुबेर का खजाना! एक बार लगाओ और सालोसाल कमाओ
कटहल की किस्में
भारत में कटहल की कई किस्में पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ लोकप्रिय किस्में हैं:
- खजवा: यह एक प्रसिद्ध किस्म है जिसे अपनी मीठी और रसीली गूदे के लिए जाना जाता है।
- स्वर्ण मनोहर: यह किस्म बड़े आकार के फल देती है।
- स्वर्ण पूर्ति: यह किस्म भी बड़े आकार के फल देती है और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी होती है।
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कटहल की खेती का तरीका
- पौधे लगाना: कटहल के पौधे बीज या ग्राफ्टिंग के माध्यम से लगाए जा सकते हैं।
- सिंचाई: कटहल के पौधों को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मी के मौसम में।
- खाद: कटहल के पेड़ों को समय-समय पर उर्वरक देने की आवश्यकता होती है।
- निकाई-गुड़ाई: खरपतवारों को हटाने और मिट्टी को हवादार बनाने के लिए नियमित रूप से निकाई-गुड़ाई करनी चाहिए।
- कीट और रोग नियंत्रण: कटहल के पेड़ों को कई तरह के कीट और रोगों का खतरा होता है। इसलिए, कीटनाशकों और कवकनाशकों का उपयोग करके इनका नियंत्रण करना आवश्यक है।
कटहल की खेती के फायदे
- अच्छी आय: कटहल की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है।
- पौष्टिक फल: कटहल में कई पोषक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
- लंबे समय तक फल देने वाला पेड़: कटहल का पेड़ कई सालों तक फल देता रहता है।
कटहल की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
- कटहल का पेड़ बड़ा होता है, इसलिए इसे लगाने के लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता होती है।
- कटहल के पेड़ को फल लगने में कई साल लग सकते हैं।
- कटहल के फल को पकने में काफी समय लगता है।
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