Makke Ki Variety | अब ऑनलाइन ऑर्डर कर के घर पर ही मंगवा सकते हैं मक्के की ये उन्नत किस्में 

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4 किलो के पैक में भी है अवेलेबल 

Makke Ki Variety – वर्षा सीज़न के लिए फसलों की बोने की समय समीप है। इस मौसम में किसानों को मक्के की खेती करने का मौका मिलता है। मौसम के परिवर्तन के इस समय में, मक्के की खेती का महत्व और बढ़ रहा है। इस फसल की खासियत यह है कि इसे सिर्फ 3 महीने में तैयार किया जा सकता है, और इसका उत्पादन अन्य फसलों से अधिक होता है। इसलिए किसान इसे पसंद करते हैं। हालांकि, अधिकांश किसान सही मौसम और मिट्टी की आवश्यकता के हिसाब से उन्नत बीजों का चयन नहीं कर पाते हैं, जिस कारण उन्हें सही उत्पादन और गुणवत्ता नहीं मिल पाती है।

इस समस्या का समाधान करने के लिए, किसानों को सही प्रकार के बीजों का चयन करना आवश्यक है। अगर आप भी मक्के की एक उत्कृष्ट किस्म की तलाश में हैं, तो आप मक्के की हाइब्रिड किस्म सुपर-82 की खेती कर सकते हैं। यहाँ बताया गया है कि इसका बीज कहां सस्ते में मिलेगा और इसकी विशेषताएँ क्या हैं।

ऑनलाइन कर सकते हैं आर्डर | Makke Ki Variety 

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) ने किसानों के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर मक्के की हाइब्रिड किस्म सुपर-82 के बीजों की बिक्री शुरू की है। इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। इसके साथ ही, किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से उपलब्ध होंगे। आप इसे घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर करके डिलीवरी करवा सकते हैं।

ये है खासियत 

सुपर-82 मक्के की एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 100 से 105 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसके दाने चपटे पीले नारंगी रंग के होते हैं और यह सूखे की स्थिति के प्रति सहनशील होता है। इसकी औसत पैदावार 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ होती है। इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार में की जाती है।

सुपर-82 की कीमत | Makke Ki Variety 

अगर आप मक्के की हाइब्रिड किस्म सुपर-82 की खेती करना चाहते हैं, तो वर्तमान में मक्के की सुपर-82 के बीज का चार किलो का पैकेट आपको फिलहाल 06 फीसदी की छूट के साथ 1512 रुपये में मिल रहा है। ये बीज आपको राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा। इसे खरीदकर आप आसानी से मक्के की खेती कर सकते हैं और बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

कब और कैसे करें खेती 

मक्के की बुवाई वर्ष भर कभी भी खरीफ, रबी और जायद सीजन में की जा सकती है। लेकिन खरीफ सीजन में बुवाई बारिश पर निर्भर होती है। अधिकांश राज्यों में जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो, वहां खरीफ में बुवाई का उपयुक्त समय मध्य जून से मध्य जुलाई और अगस्त के बीच होता है। वहीं पहाड़ी और कम तापमान वाले क्षेत्रों में मई के अंत से जून की शुरुआत में मक्के की बुवाई की जा सकती है। साथ ही, मक्के के बीज को 3.5 से 5.0 सेंटीमीटर गहराई में बोना चाहिए, जिससे बीज मिट्टी से अच्छी तरह से ढक जाए और अंकुरण सही ढंग से हो सके।

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