जाने किस तरह रिसर्च में हुआ खुलासा
Oont Ke Aansu – अनुसंधान से पता चलता है कि ऊंट का आंसू अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। यहाँ तक कि एक विशेष बारा की जानकारी मिली है, जिसमें सांप के खतरनाक जहर की ऐसी काट है, जिसे आने वाले समय में लोगों की जिंदगियों को बचाने में मदद मिल सकती है। प्रति वर्ष विश्वभर में लगभग सवा लाख (1,25,000) लोग सांप के काटने से मर जाते हैं। अगर सांप विशेष रूप से जहरीला हो, तो उसकी काटने से कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाता
अगर कोई शोध बताए कि ऊंट के आंसू सांप के जहर से लड़ने में सहायक हो सकते हैं, तो इससे कई अच्छे लाभ हो सकते हैं। दुबई के सेंट्रल वेटरिनरी रिसर्च लेबोरेटरी (सीवीआरएल) ने एक शोध के बाद दावा किया है कि ऊंट के आंसू का उपयोग करके सांप के जहर की काट का इलाज किया जा सकता है।
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कई वर्षों पहले हो चूका अनुसंधान | Oont Ke Aansu
हालांकि इस दुबई आधारित लैब का यह अनुसंधान कई साल पहले पूर्ण हुआ था, लेकिन फंड की कमी के कारण यह आगे बढ़ा नहीं सकता था। हालांकि, अब सीवीआरएल की उम्मीद है कि वित्त की व्यवस्था हो जाएगी और उनका परियोजना आगे बढ़ सकेगा।
इस रिसर्च केंद्र के प्रमुख डॉक्टर वार्नेरी के अनुसार, ऊंट के आंसू में मौजूद एंटीडोट्स से कोई संदेह नहीं है, जो सबसे प्रभावी रूप से सांप के जहर को काटने की दवा बना सकती है। दुनिया भर में घोड़ों और भेड़ों के माध्यम से सांप के जहर को काटने वाली दवाएं विकसित की जाती हैं।
पाए जाते हैं प्रोटीन्स | Oont Ke Aansu
ऊंट के आंसुओं में विभिन्न प्रकार के प्रोटीन्स पाए जाते हैं, जो उसे इंफेक्शन से भी बचाते हैं। ये आंसू इतने अद्भुत होते हैं कि इनका उपयोग सांप के जहर की काट का इलाज के लिए किया जा रहा है। अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों में ऊंट के आंसुओं पर शोध एवं अनुसंधान कार्य प्रगति पर है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऊंट के आंसू से सांप के जहर का एंटीडोट तैयार किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि दुनिया के सबसे जहरीले सांपों की काट से इस एंटीडोट को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा, इन आंसूओं से मनुष्यों के आंखों की कई तरह की बीमारियों का इलाज भी खोजा जा रहा है। ऊंट के दूध की मांग बढ़ रही है, यह न केवल महंगा बिक रहा है बल्कि इससे लाभ भी है।
ऊंट के आंसुओं में लाइसोजाइम्स पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया, वायरस, और कीटों को रोकते हैं। इन आंसुओं में ही नहीं, उसके मूत्र में भी चिकित्सीय गुण होते हैं, जिसका उपयोग विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में किया जाता है।