सरसों की खेती: सरसो में तेल की मात्रा कैसे बढ़ाये जाने इसका सरल और आसान तरीका पड़े पूरी खबर

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जानें, सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने के आसान तरीके

रबी सीजन की फसलों में गेहूं के बाद सरसों की खेती का काफी की जाती है। इस बार भी बहुत से किसानों ने सरसों की बुवाई की है। सरसों की क्वालिटी उसके दानों में तेल की मात्रा पर निर्भर करती है, क्योंकि सरसों खेती मुख्य रूप से इससे मिलने वाले तेल के लिए की जाती है। यदि सरसों के दोनों में तेल की मात्रा अधिक होती है तो उस सरसों के बाजार भाव अच्छे मिलते हैं, वहीं इसके विपरित यदि सरसों की क्वालिटी खराब है या प्राकृतिक कारणों की वजह से क्वालिटी में कमी आ गई है तो उसके बाजार भाव कम मिलते हैं। ऐसे में सरसों की खेती करने वाले किसानों का सरसों की क्वालिटी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अब बात आती है कि सरसों की क्वालिटी को कैसे सुधारा जाएं। इसमें तेल की मात्रा को कैसे बढ़ाया जाए तो बता दें कि बहुत ऐसे आसान तरीके हैं जिन्हें अपना कर किसान भाई अपनी सरसों की फसल की क्वालिटी में सुधार के साथ ही तेल की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं।

सरसो में तेल की मात्रा कैसे बढ़ाये जाने इसका सरल और आसान तरीका पड़े पूरी खबर

आज हम खबरवाणी के माध्यम से आपको सरसों में तेल की मात्रा कैसे बढ़ाएं, सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए कौनसा सा पोषक तत्व उपयोगी होता है, सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए, सरसों में खरपतवार को खत्म करने के लिए कौनसी दवा का प्रयोग करना चाहिए आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं ताकि आप सरसों की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

किस पोषक तत्व से बढ़ती है सरसों में तेल की मात्रा

सरसों की फसल में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल जरूरी होता है। इसी के साथी सरसों में सल्फर जिसे गंधक कहा जाता है उसके प्रयोग से किसान सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ा सकते हैं। इसके लिए किसानों को चाहिए कि किसान सरसों में गंधक युक्त उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए ताकि दोनों में तेल की मात्रा अधिक मिले और पैदावार में भी बढ़ोतरी हो सके। किसान सरसों की खेती के लिए खेत की तैयार करते समय गंधक युक्त उर्वरक में किसान जिप्सम, सिंगल सुपर फॉस्फेट, अमोनिया सल्फेट जैसे पोषक तत्वों से युक्त उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

किस तरह करें गंधक सल्फर का उपयोग

किसान एक एकड़ खेत में 8 से 10 किलोग्राम गंधक (सल्फर) मिला दें। ऐसा करने से सरसों के दानों में तेल की मात्रा अधिक मिलती है। इसके साथ ही बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम बोरेक्स और 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट भी मिलाया जा सकता है। इससे भी दोनों में तेल की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।

सरसों की बेहतर पैदावार के लिए किसान क्या करें

सरसों की बेहतर पैदावार और अधिक तेल की मात्रा प्राप्त करने के लिए किसान सरसों की खेती के दौरान इन बातों का ध्यान रखें। ये ध्यान रखने योग्य बातें इस प्रकार से हैं

  • सरसों की अधिक तेल की मात्रा देने वाली सरसों की किस्मों की बुवाई करें।
  • सरसों की बेहतर पैदावार के लिए इसकी पहली सिंचाई फूल निकलते समय करें।
  • सरसों की दूसरी सिंचाई फलियां लगते समय करनी चाहिए।
  • यदि आपके क्षेत्र में पानी की कमी हो तो फूल आते समय एक सिंचाई अवश्य करें।
  • सरसों की फसल में दो गुड़ाइयां जरूर करनी चाहिए जिसमें पहली गुड़ाई बिजाई के 21 दिन बाद ओर इसकी दूसरी गुड़ाई 35 दिन बाद की जानी चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण के लिए अपनाएं यह तरीका

सरसों में मरगोजा जिसे ओरोबैकी खरपतवार के होता है। इससे फसल को नुकसान से बचाने के लिए इस पर नियंत्रण करना जरूरी होता है। इसके नियंत्रण के लिए राउंडअप या ग्लाईसेल (ग्लाईफोसेट 41 प्रतिशत एसएल) की 25 मिली मात्रा प्रति एकड़ बिजाई के 25 से 30 दिन बाद एवं 50 मिली मात्रा प्रति एकड बिजाई के 50 दिन बाद 150 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए। स्प्रे के लिए किसान भाई फैन नोजल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखें स्प्रे कर समय खेत में नमी होनी जरूरी है। ऐसे में भूमि में नमी की कमी होने पर पहले हल्की सिंचाई भी की जा सकती है। इस रासायनिक दवा का फसल पर दुबारा या अधिक मात्रा में छिड़काव नहीं करना चाहिए। इससे फसल की क्वालिटी पर विपरित असर पड़ता है।

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