Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

dam in village – 238 करोड़ के डेम से ग्रामीणों में दहशत

By
On:

500 हेक्टेयर जलाशय के डूब में जाएगी जमीन, ग्रामीणों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव लेकर किया विरोध

बैतूल/चिचोली(राजेंद्र दुबे) – शासन से स्वीकृत हुए शीतलझिरी जलाशय बनने की सुगबुगाहट प्रारंभ होते ही ग्रामीणों में दहशत व्याप्त होने लगी है। जलाशय को लेकर जहां शीतलझिरी, सेहरा, भग्गूढाना सहित अन्य ग्रामों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है तो वहीं ग्राम पंचायत सेहरा ने ग्राम सभा में प्रस्ताव लेकर जलाशय का विरोध भी किया है। इधर जल संसाधन विभाग का कहना है कि इसका सर्वे भी हो चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

238 करोड़ के जलाशय में 500 हैक्टेयर डूबेगी जमीन | dam in village

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री विपिन वामनकर ने बताया कि माचना नदी पर सेहरा और शीतलझिरी के बीच बनने वाले इस जलाशय की लागत 238 करोड़ रुपए होगी। जलाशय निर्माण होने के बाद इसमें 500 हेक्टेयर की जमीन डूब में आएगी। शासन को प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। शासन से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद इस पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही भू अर्जन की कार्यवाही शासन की गाइड लाइन अनुसार की जाएगी और जो भी जमीन डूब में ली जाएगी उसे मुआवजा भी दिया जाएगा।

सिंचाई क्षेत्र का बढ़ेगा रकबा

शीतलझिरी जलाशय का निर्माण होने के बाद क्षेत्र के किसानों को जहां इसका लाभ मिलेगा वहीं सिंचाई का रकबा भी बढ़ जाएगा। जलाशय बनने के बाद किसान तीन फसल आसानी से ले सकेंगे। हालांकि जलाशय निर्माण की पूरी प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल इसका सिर्फ सर्वे कार्य हुआ है। जल संसाधन विभाग से जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। यदि प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति शासन से प्राप्त होती है तो आगे की कार्यवाही की जाएगी।

प्रस्तावित जलाशय को रोकने ग्राम सभा में लिया प्रस्ताव | dam in village

सरकार ने पेसा एक्ट के माध्यम से ग्राम सभाओं को विशेष अधिकार दिए हैं। आदिवासियों में भी पेसा एक्ट के माध्यम से जागरूकता आ रही है और वे अपने अधिकारों के लिए निर्णय भी ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शाहपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत सेहरा का सामने आया है। जहां पर ग्रामवासियों ने ग्राम सभा का आयोजन कर शीतलझिरी जलाशय को लेकर निर्णय लिया है।

800 एकड़ जमीन डूब में आएगी जमीन

ग्राम पंचायत भवन में गत दिवस आयोजित की गई ग्राम सभा में बताया गया है कि शीतलझिरी जलाशय जो माचना नदी के किनारे बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। इस जलाशय में सेहरा और भग्गूढाना ग्राम की लगभग 800 एकड़ जमीन डूब में जा रही है। जिसमें अधिकतर किसानों की सिंचिंत जमीन है। जमीन डूब में जाने से आदिवासी अपनी भूमि से बेदखल हो जाएंगे। इसके अलावा आदिवासियों के परंपरागत देवी देवताओं के स्थान हैं जिससे आदिवासियों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने किया विरोध | dam in village

एक ओर मध्यप्रदेश शासन के द्वारा 15 नवम्बर 2022 को पेसा एक्ट लागू किया गया है जिसमें ग्राम सभा को अधिकार दिए गए हैं। अनुसूचित क्षेत्र में बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई कार्य नहीं होगा। लेकिन प्रस्तावित जलाशय के निर्णय को लेकर ग्राम सभा की अनुमति नहीं ली गई है। ग्राम सभा इस कार्य का पुरजोर विरोध करती है और प्रस्ताव पारित करती है कि प्रस्तावित जलाशय की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए। ग्राम सभा में सरपंच ममता धुर्वे, ग्राम सभा अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे जिन्होंने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

1 thought on “dam in village – 238 करोड़ के डेम से ग्रामीणों में दहशत”

Leave a Comment

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News