MP News – भोपाल – मध्यप्रदेश में 2689 मदरसे रजिस्टर्ड हैं। सरकार इनमें से 1623 को अनुदान दे रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस अधिकारियों की बैठक में कहा था कि मदरसों में कट्टरता और अतिवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि ऐसे मदरसों का रिव्यू किया जाएगा। अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सरकार के पास प्रदेश के 1066 से अधिक मदरसों की कोई जानकारी नहीं है। और इनको कहां से फडिंग हो रही है इसकी भी प्रमाणिक जानकारी सरकार के पास उपलब्ध नहीं है।
मध्यप्रदेश में सबसे अधिक मदरसे राजधानी भोपाल में बताए जा रहे हैं। जिनकी संख्या 188 के आसपास है। वहीं दूसरे नंबर पर मंदसौर में 123, इंदौर में 51, ग्वालियर में 45, होशंगाबाद में 8, छिंदवाड़ा में 2, हरदा में 3 एवं बैतूल में 2 मदरसे संचालित होने की जानकारी सामने आई है।
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भाजपा शासित राज्यों मेंं चल रहा अभियान
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति जांचने के लिए सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था। इसके अलावा उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने मदरसों को 1 माह के भीतर पंजीकरण कराने या बंदी का सामना कराने का आदेश दिया था। इसी तरह से असम के मुख्यमंत्री ने तो कहा था कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को रोज थानों में हाजरी देनी होगी और 600 से अधिक मदरसे बंद कर दिए गए हैं। अब मध्यप्रदेश में सरकार मदरसों का व्यापक सर्वे करा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री और मप्र मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इंदर सिंह परमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मप्र में 900 से अधिक मदरसे ऐसे हैं, जिनका रिकॉर्ड न तो शिक्षा विभाग के पास है और न ही मदरसा बोर्ड के पास। सरकार अब मदरसों का व्यापक सर्वे करा रही है। मप्र में मदरसे स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन आते हैं। उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं, जिसके आधार पर यहां तालीम ले रहे बच्चों का रिकॉर्ड रखा जाता है।
नियम विरुद्ध संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
परमार ने आगे कहा कि मप्र में अनुदान प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे बच्चों की संख्या 1 लाख से अधिक हैं, लेकिन हम पता लगाना चाहते हैं कि जिन मदरसों का सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है, वहां कितने बच्चे पढ़ रहे हैं? उन्हें तालीम देने वालों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाएगा। हमने डीईओ को निर्देशित किया है कि सभी मदरसों के दस्तावेज की जांच की जाए। जो मदरसे नियम विरुद्ध संचालित होते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग से वह सूची हासिल की, जिसमें उन मदरसों के नाम हैं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं और न ही इनके बारे में सरकार के पास डिटेल जानकारी है। इस सूची में ऐसे मदरसों की संख्या 1066 है।
मध्यप्रदेश में यूपी पैटर्न पर मदरसों का सर्वे
मध्यप्रदेश में भी अब यूपी पैटर्न पर मदरसों का सर्वे होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 अप्रैल को उच्चाधिकारियों को संबंधित निर्देश दिए थे। तकरीबन 1 साल पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मदरसों का सर्वे करने के निर्देश दिए थे। बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
सख्ती इसलिए कि हिंदू बच्चों को मदरसों में जोड़ा, दूसरे राज्यों से लेकर आए
मदरसों को लेकर हमेशा शिकायतें मिलती रही हैं। पिछले साल अक्टूबर में मप्र बाल आयोग ने विदिशा में मदरसा मरियम का निरीक्षण किया था। वहां 37 बच्चों में से 21 हिंदू और 5 आदिवासी थे। 5 शिक्षकों में से किसी के पास यूजी-पीजी या बीएड की डिग्री नहीं थी। इसके अलावा पिछले साल जून में भोपाल के दो मदरसों में बिहार से लाए गए बच्चे मिले थे।
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