टमाटर की खेती: यह वाली टमाटर की किसम लगाए खेत में 500 क्विंटल तक देगी पैदावार सब्जियों में लोग ज्यादातर टमाटर की खेती करना पसंद करते हैं टमाटर का प्रयोग एकल व अन्य सब्जियों का जायका बढ़ाने में काफी मददगार होता है। इसके अलावा टमाटर का उपयोग स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम में भी किया जाता है इसके अलावा इसमें विटामिन, पोटेशियम के अलावा कई प्रकार के खनिज तत्व मौजूद होते हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। भारत में इसकी खेती राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश में प्रमुख रूप से की जाती है। आजकल तो बारह महीने बाजार में टमाटर का बिक्री होती है। इसकी बढ़ती मांग की वजह से टमाटर की खेती लोगों को लुभा रही है यदि टमाटर की खेती के लिए उन्नत व अधिक पैदावार देने वाली किस्मों का चयन किया जाए तो इससे काफी मुनाफा कमाया जा सकता है। तो हम जानते हैं टमाटर की ऐसी किस्मों के बारे में जो अधिक पैदावार देती है।
यह वाली टमाटर की किसम लगाए खेत में 500 क्विंटल तक देगी पैदावार
टमाटर का पुराना वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटम मिल है। वर्तमान समय में इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहते हैं। आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि टमाटर सब्जी है या फिर फल, इसको लेकर भी भ्रम की स्थिति है। वनस्पति वैज्ञानिक तौर पर टमाटर फल है। इसका अंडाशय अपने बीज के साथ सपुष्पक पौधा का है। हालांकि, टमाटर में अन्य खाद्य फल की तुलना में काफी कम शक्कर सामग्री है और इसलिए यह उतना मीठा नहीं है। यह पाक उपयोगों के लिए एक सब्जी माना जाता है। लेकिन हम भी आमतौर पर टमाटर को सब्जी ही मानते हैं।
उन्नत किस्में
1.टमाटर की देशी किस्में: पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख हैं।
2.टमाटर की हाइब्रिड किस्में: पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाईब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख हैं।
सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म
अर्का रक्षक किस्म भारत में सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली टमाटर की किस्म है इसकी वजह ये हैं कि एक तरफ तो इस किस्म से बंपर पैदावार मिलती है वहीं दूसरी ओर इसमें टमाटर में लगने वाले प्रमुख रोगों से लडऩे की क्षमता अन्य किस्मों से अधिक है। साथ ही अर्का रक्षक का फल काफी आकर्षक और बाजार की मांग के अनुरूप होता है। इसलिए किसानों का रूझान इस किस्म की ओर बढ़ रहा है। इस किस्म की फसल तैयार होने में 150 दिनों का समय लग जाता है इसे पति हेक्टर 190 टन तक उत्पादन लिया जा सकता है यदि हम क्विंटल के हिसाब से बात करें तो 500 क्विंटल तक पैदावार होती है। जो कि अन्य किस्मों के मुकाबले काफी अच्छी है
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