जानिए, कहां करना होगा आवेदन और क्या-क्या दस्तावेज देने होंगे
Dairy farming: देश में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हरियाणा राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। इससे पशुपालक किसानों को काफी लाभ होगा। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा सरकार पशुपालन पर 25 फीसदी सब्सिडी दे रही है. पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. धर्मेंद्र के मुताबिक डेयरी विकास विभाग में पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं. जिसमें 10 पशुओं तक दुग्ध उत्पादन संयंत्र खोलने के लिए 25 प्रतिशत तक अनुदान पर ऋण उपलब्ध कराने की योजना शामिल की गई थी। पशुपालन विभाग ने बताया है कि सब्सिडी को दो श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें चार या 10 पशुओं की डेयरी के लिए ही 25 फीसदी सब्सिडी पर कर्ज दिया जाएगा. इसके साथ ही गाय, भैंस के अलावा भेड़, बकरी और सुअर पालन में रुचि रखने वाले पशुपालकों को भी 25 प्रतिशत अनुदान राशि का लाभ दिया जाएगा।
डेयरी उद्योग करने वालो को मिलेंगे 7 लाख रूपये और 25% सब्सिडी।
पशुपालन डेयरी उद्योग : क्या होगी आवेदन की पात्रता
डेयरी उद्योग खोलने हेतु अनुदान प्राप्त करने हेतु आवेदक की निर्धारित पात्रता निम्नानुसार है-
आवेदक हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए।
आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
आवेदक के पास पशुपालन से संबंधित क्षेत्र में कुछ प्रशिक्षण होना आवश्यक है।
डेयरी ऋण / पशुपालन ऋण: सब्सिडी आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
अगर आप डेयरी खोलने के लिए डेयरी लोन पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार हैं-
आवेदन करने वाले पशुपालक किसान का आधार कार्ड
आवेदक का पैन कार्ड
आवेदक का परिवार पहचान पत्र
आवेदक के बैंक खाते का रद्द चेक
इसके अलावा बैंक से अनापत्ति प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
नाबार्ड के माध्यम से डेयरी व्यवसाय के लिए सब्सिडी भी उपलब्ध है
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) भी डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत मवेशियों की खरीद और डेयरी व्यवसाय के लिए ऋण प्रदान करता है। अगर आप 10 पशुओं की डेयरी खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 10 लाख रुपए की जरूरत होगी। कृषि मंत्रालय की DEDS योजना में आपको करीब 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी. यह सब्सिडी नाबार्ड द्वारा दी जाती है।
सब्सिडी किसे मिलेगी
डीईडीएस योजना के तहत परियोजना लागत के 25 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है। अगर आप आरक्षित वर्ग से आते हैं तो यह सब्सिडी 33 फीसदी तक हो सकती है. बता दें कि यह सब्सिडी 10 पशुओं तक की डेयरी खोलने पर ही मिलेगी।
सब्सिडी के लिए कहां आवेदन करें
नाबार्ड का प्रत्येक जिले में एक कार्यालय है। यहां आप अपनी डेयरी का प्रोजेक्ट बनाकर दे सकते हैं। इस काम में जिले का पशुपालन विभाग आपकी मदद कर सकता है। नाबार्ड के अधिकारी भी समय-समय पर लोगों को अपना काम शुरू करने के लिए जागरूक करते रहते हैं.
मिनी डेयरी योजना का लाभ पशुपालकों को मिल रहा है
सरकार द्वारा मिनी डेयरी योजना चलाई जा रही है, जिसके लिए दूध उत्पादन करने वालों को सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत प्रगतिशील किसानों और शिक्षित युवा बेरोजगारों को 5/10 दुधारू पशु उपलब्ध कराये जाते हैं।
पांच दुधारू पशुओं के लिए दी अनुदान राशि
यह मवेशी गाय या भैंस कोई भी हो सकता है। इस योजना के तहत पांच दुधारू पशुओं को 50 प्रतिशत अनुदान व 50 प्रतिशत बैंक ऋण पर दिया जाता है। लाभार्थी को दो चरणों में मवेशी दिए जाते हैं। प्रथम चरण में बैंक के माध्यम से 3 पशु तथा 6 माह बाद 2 पशु की खरीद के लिए राशि दी जाती है। योजना लागत में हितग्राही को 45 हजार रुपये पशु क्रय के लिये एवं 20 हजार रुपये पशु बीमा प्रीमियम 3 वर्ष के लिये दिये जाते हैं।
दस दुधारू पशुओं के लिए दी अनुदान राशि
स्वयं सहायता समूह भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। दुधारू पशु सभी को 40 प्रतिशत अनुदान एवं 60 प्रतिशत बैंक ऋण पर उपलब्ध कराया जाता है। योजना के माध्यम से 6 माह के अंतराल पर 55 पशु, इस योजना के माध्यम से लाभार्थी को 3,50,000 एवं शेड निर्माण के लिए 90,000 लाभार्थी को दिए जाते हैं। इसके लिए आप क्षेत्रीय विकास अधिकारी से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, इसके अलावा आप अपने नजदीकी डेयरी पशु विकास केंद्र एवं जिला पशुपालन अधिकारी से संपर्क कर दुग्ध उत्पादन, पशुपालन एवं अनुदान विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
डेयरी उद्योग करने वालो को मिलेंगे 7 लाख रूपये और 25% सब्सिडी।
यहां राजस्थान में कामधेनु योजना युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है
यहां देशी गायों के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा कामधेनु डेयरी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत राज्य के किसान, पशुपालक, गौपालक, महिला, पुरुष और युवा सभी पात्र माने गए हैं। योजना का संचालन पशुपालन विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। प्रजनन के अनुसार पी.
यह भी पड़े: मलाइका को वर्क आउट करते देख लोग बोले अर्जुर्न से ज्यादा मजे मलाइका के जिम ट्रेनर के है।