Genhu Ki Variety – बस एक महीने में नया साल आने वाला है ऐसे में हर वर्ग अपने व्यापर में कुछ नया करने की तैयारी में लग जाते हैं। जिस तरह अगर हम बात करें गेंहू की तो कुछ ऐसी किस्मे हैं जो किसानों को मालामाल कर सकती हैं। इन किस्मो का इस्तेमाल करने से किसानों को 100 से 150 क्विंटल से अधिक पैदावार की गारंटी मिलती है। आज आप इस खबर में पढ़ेंगे की ऐसी कौनसी चार गेंहू की वैरायटी हैं जो 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आपको उत्पादन दे सकती है। इन किस्मो की जो सबसे ज्यादा ख़ास बात है वो ये है की इन किस्म को रोग और कीट लगने का बहुत कम खतरा है।
Genhu Ki Variety – इन चार गेंहू की किस्मो का करें अपने खेत में इस्तेमाल
GW( जीडब्ल्यू )322: GW 322 भारत के हृदय यानी मध्य प्रदेश राज्य में अधिक उगाई जाने वाली गेहूं की किस्म है जो करीब 4 महीनो में पक कर तैयार हो जाती है। GW 322 गेहूं की यह किस्म भारत के अन्य राज्यों में भी उगाई जा सकती है।इस किस्म को 3 से 4 बार सिंचाई की जरूरत होती है।”
पूसा तेजस 8759: यह जिस्म 2019 से ही खेतो में उगाई जा रही हैं। जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय के प्रयोग में पूसा तेजस गेहू एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल उत्पादन के बाद किसानों को यह किस्म दी गई। गेहूं की यह किस्म 110 – 115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म को सिंचाई की कम जरूरत होती है।”
Genhu Ki Variety – इन चार गेंहू की किस्मो का करें अपने खेत में इस्तेमाल
श्री राम सुपर 11 Wheat: श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड कैमिकल्स के विश्वविख्यात गेहूँ वैज्ञानिकों द्वारा इस किस्म को तैयार किया गया है। श्री राम 11 पछेती बुवाई के लिए उपलब्ध है। यह लगभग 3 महीनो में पककर तैयार हो जाता है। इस किस्म का दाना चमकदार होता है, मध्यप्रदेश के किसानों के अनुसार श्री राम सुपर 111 22 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन होता हैं।
HD (एचडी )4728 (पूसा मलावी): (एचडी)HD 4728 गेहूं की यह किस्म 125-130 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। Wheat एचडी 4728 (पूसा मलावी)का प्रति हेक्टेयर कुल 55 क्विंटल उत्पादन होता है। भूमि की उपजाऊ क्षमता के आधार HD 4728 गेहूं का भारत के सभी राज्यों में खेती की जा सकती है। यह किस्म 3 से 4 बार सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है।