भारत की ऐसी भैसो के बारे में जाने जो देती है साल भर में 1000 से 4000 लीटर दूध,जाने इन नस्ल की भैसो के बारे-

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इन नस्ल की भैसो: भारत की सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की नस्ले जो देगी सालभर में 1000-3000 लीटर तक दूध। भारत में पशुओं की बहुत सारी ब्रीड देखने को मिलती है जिसमें कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका दूध प्रोडक्शन दूसरे पशुओं से काफी ज्यादा होता है । और आजकल देसी पशुओं मे जर्सी ब्रीड के पशुओं से कम दूध प्रोडक्शन होता है तो ऐसे में किसान आजकल जर्सी नस्ल के पशुओं को पालने लगे हैं इसमें मुर्रा नस्ल, मेहसाना भैंस, नीली रावी भैंस, सुरती नस्ल की भैंस , गोदावरी भैंस ऐसे बहुत सारे पशु आते हैं जिसमें दूध प्रोडक्शन अच्छा देखने को मिलता है और लंबे समय तक दूध प्रोडक्शन करता है।

1000 से 4000 लीटर दूध

भारत की ऐसी भैसो के बारे में जाने जो देती है साल भर में Know about such buffaloes of India that give in a year

भारत की ऐसी भैसो के बारे में जाने जो देती है साल भर में 1000 से 4000 लीटर दूध,जाने इन नस्ल की भैसो के बारे-

1000 से 4000 लीटर दूध

भारत मे अलग-अलग राज्यो मे बहुत सारे नस्ल देखने को मिलता है जिसकी कुछ पहचान होती है जिसके जरिये कोई भी व्यक्ति इसके नस्ल को पहचान सकते है। अभी हम भारत के सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस के नस्लों के बारे में बताने का प्रयास करेंगे ।

मुर्रा नस्ल की भैंस Murra Bhains
मुर्रा भैंस को दुनिया की सबसे ज्यादा दुधारू भैंस कहते हैं। ये ज्यादातर उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में पाई जाती है। जो अन्य देसी नस्लों से अधिक दूध प्रोडक्शन करती है और यह लगभग 300 दिन तक दूध देती रहती है। मतलब कहा जाए तो एक बार बच्चा जन्म देने के बाद 300 दिन तक लगातार दूध उत्पादन करेगी। मुर्रा भैंस सालभर में 1000-3000 लीटर तक दूध देतीहै। मुर्रा भैंस की पहचान इसके सिंग मुड़े हुए होते हैं और यह गहरे काले रंग के दिखाई देते हैं। जिसके जरिये आप मुर्रा भैंस को पहचान सकते है।

1000 से 4000 लीटर दूध

भारत की ऐसी भैसो के बारे में जाने जो देती है

सुरती नस्ल की भैंस Surti Bhains
गुजरात के छोटे और सीमांत किसानों के लिये सुरती भैंस किसी वरदान से कम नहीं है। वे मुख्य रूप से दूध उत्पादन उद्देश्य के लिए उपयोग किए जाते हैं। मादा अपने पहले स्तनपान में 1500 से 1600 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती है। लेकिन पहले स्तनपान के बाद दूध का उत्पादन बढ़ जाता है। दूसरे स्तनपान से वे 1900-2000 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन करने में सक्षम हैं।

नीली रावी नस्ल की भैंस Nili ravi Bhains
नीली रावी भैंस काफी ज्यादा प्रचलित है और यह सबसे ज्यादा पंजाब साइड में देखने को मिलती है यह भी बच्चा जन्म के बाद लगभग 300 दिन तक लगातार दूध देती है। पंजाब और हरयाणा मे लगने वाले पशु किसान मेले मे नीली रावी नस्ल की भैंस काफी ज्यादा भाग लेती है और हर बार विजेता भी बनती है। इसी कारण यह नस्ल काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। नीली रावी नस्ल की भैंस की पहचान इसके बड़े-बड़े सींग होते हैं जोकि मुड़े हुए रहते हैं और यह भी गहरे काले रंग की होती है जिसके माथे पर सफेद दाग दिखाई पड़ते हैं। Read Also: King Cobra Aur Nevle Ki Ladai : नेवले ने किया कोबरा का बुरा हाल, पहले नहीं देखा होगा ऐसा नजारा  

1000 से 4000 लीटर दूध

मेहसाना भैंस Mehsana Bhains
मेहसाणा नस्ल गुजरात के साबरकांठा, बनासकांठा, अहमदाबाद और गांधीनगर जिलों में पाए जाते हैं। गुजरात राज्य के मेहसाणा जिले में उत्पन्न होने के कारण इसे मेहसाणा या मेहसानी नाम से भी जाना जाता है। भैंस की ये प्रजाति सबसे ज्यादा शांत स्वभावी होती है, जो करीब 1800 से 2000 लीटर दूध देती है। उत्तर भारत के ज्यादातर पशुपालक और किसानों के पास मेहसाना भैंस होना आम बात है।

1000 से 4000 लीटर दूध

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गोदावरी भैंस Godavari Buffalo
भैंस की इस नस्ल में गजब की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इसकी देखरेख में ज्यादा खर्च नहीं आता और सालभर में 2000-2050 लीटर तक दूध मिलता है। इसके दूध की क्वालिटी तारीफ के लायक होती है।

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