दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 14 जून को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार, डीमैट अकाउंटहोल्डरों के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करना बहुत ही जरूरी हैं. अगर आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल नहीं करेंगे तो आप 1 अक्टूबर 2022 से अपने डीमैट अकाउंट को लॉग-इन नहीं कर पाएंगे.
दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 14 जून को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार, डीमैट अकाउंटहोल्डरों के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करना बहुत ही जरूरी हैं. अगर आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल नहीं करेंगे तो आप 1 अक्टूबर 2022 से अपने डीमैट अकाउंट को लॉग-इन नहीं कर पाएंगे.
नई दिल्ली. अगर आप डीमैट अकाउंट (Demat Account) होल्डर हैं और इसके माधयम से स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद या बिक्री करते हैं तो ये ख़बर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 14 जून को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार, डीमैट अकाउंटहोल्डरों के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करना बहुत ही जरूरी हैं. अगर आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल नहीं करेंगे तो आप 1 अक्टूबर 2022 से अपने डीमैट अकाउंट को लॉग-इन नहीं कर पाएंगे.
एनएसई ने इस सर्कुलर में कहा कि खाताधारक को अपनी डीमैट अकाउंट में लॉन-इन करने के लिए एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर के रूप में बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करना होगा. इसके साथ ही दूसरा तरीका नॉलेज फैक्टर हो सकता है. यह पासवर्ड, पिन या कोई पॉजेशन फैक्टर हो सकता है, जिसकी जानकारी सिर्फ यूजर को होती है.
ईमेल और एसएमएस दोनों पर प्राप्त होगा OTP
आपको बता दिया कि क्लाइंट्स को स्मार्टफोन या डेस्कटॉप पर वन-टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी ईमेल और एसएमएस दोनों के माध्यम से प्राप्त होगा. ऐसे मामले, जिसमें बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन मुमकिन नहीं है, मेबर्स को नॉलेज फैक्टर का इस्तेमाल करना होगा. इसमें पासवर्ड/पिन, पॉजेशन फैक्टर (OTP / सिक्योरिटी टोकन) और यूजर आईडी हो सकता है.
इस मामले पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर्स सेकेंड ऑथेंटिकेशन फैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें पासवर्ड शामिल नहीं है. हालांकि, पासवर्ड और पिन दोनों ही नॉलेज फैक्टर्स हैं. इन्हें ऑथेंटिकेशन के लिए दो अलग-अलग फैक्टर्स नहीं माना जा सकता.
30 सितंबर से टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी
एनएसई और बीएसई ने इस बारे में सेबी के 3 दिसंबर, 2018 के सर्कुलर का हवाला दिया है. साइबर सिक्योरिटी से जुड़े इस सर्कुलर में ऑथन्टेकेशन फैक्टर्स के बारे में एक तरह का अंतर बताया गया है. अब एनएसई ने लॉग-इन के लिए 30 सितंबर से टू-फैक्टर ऑथन्टेकेशन को जरूरी बना दिया है.
जिरोधा ने भी अपनी वेबसाइट पर शेयर की जानकारी
इस बारे में स्टॉक ब्रोकर जिरोधा ने भी अपनी वेबसाइट पर जानकारी शेयर की. उसने कहा है कि एक्सचेंज के नए रेगुलेशंस के मुताबिक, 30 सितंबर, 2022 से पहले डीमैट अकाउंट में लॉग-इन के लिए टीओटीपी, टू फैक्टर अथॉन्टेकेशन जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर ग्राहक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
ऐसे इनेबल करें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
आपको बता दें कि अगर आप अपने डीमैट अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना चाहते हैं तो आपको पासवर्ड, पिन या ओटीपी सिक्योरिटी टोकन के साथ बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करना होगा. इसके बाद ओटीपी सिक्योरिटी टोकन के साथ पासवर्ड पिन का उपयोग करके डीमैट खातों में लॉगिन की अनुमति देनी होगी. इसके बाद Upstox के यूजर्स को ओटीपी और पिन डालना होगा. वहीं मोबाइल में लॉगिन के मामले में ओटीपी या पिन के साथ बायोमेट्रिक्स का उपयोग करना होगा. इसके साथ ही TOTP प्राप्त करने के लिए आपको अपने मोबाइल और पीसी में गूगल ऑथेंटिकेटर ऐप या माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटिकेटर ऐप इनस्टॉल करना होगा.