SCO समिट से पहले चीन का भारत के प्रति बदला रुख,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन (चीन) में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। इससे पहले ही चीन का रुख भारत के प्रति सकारात्मक दिखने लगा है। चीन के नए राजदूत शू फेईहोंग ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का विरोध करते हुए भारत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह कदम अनुचित है और चीन इसके खिलाफ खड़ा रहेगा। शू फेईहोंग का कहना है कि चुप्पी केवल दबंगई को बढ़ावा देती है, इसलिए चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।
भारत-चीन मित्रता से एशिया को फायदा
राजदूत शू फेईहोंग ने कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच एकता और सहयोग ही साझा विकास का मार्ग है। एशिया को भारत-चीन की दोस्ती से सीधा लाभ मिलता है। उन्होंने दोनों देशों को एशिया की आर्थिक वृद्धि के “ट्विन इंजन” बताया और कहा कि भारत-चीन की एकजुटता पूरी दुनिया के लिए लाभकारी है।
भारत-चीन के बीच सीधी उड़ान पर चर्चा
शू फेईहोंग ने यह भी बताया कि भारत और चीन सीधी उड़ानों पर समाधान खोजने के लिए चर्चा कर रहे हैं। चीन चाहता है कि दोनों देशों के लोग रिश्तेदारों की तरह आपस में मिल सकें। इसके लिए सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा दिया जाएगा।
भारत-चीन साझेदारी पर जोर
चीन के राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और शक-संदेह से बचना चाहिए। भारत और चीन प्रतिद्वंदी नहीं, बल्कि साझेदार हैं। मतभेदों को संवाद के माध्यम से ही हल करना चाहिए।
अशांत विश्व में भारत-चीन सहयोग
शू फेईहोंग ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया अशांति और बदलाव के दौर से गुजर रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सबसे बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे समय में भारत और चीन का सहयोग न सिर्फ दोनों देशों बल्कि पूरे विश्व के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्र विकासशील देशों के रूप में वैश्विक नेतृत्व की जिम्मेदारी निभाएँ।