नगर पालिका इंजीनियरों के अपडाउन से प्रभावित हो रहे निर्माण कार्य…….
नगर पालिका में स्थानीय उपस्थिति का अभाव…..
आमला:- नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों की गति इन दिनों सुस्त दिखाई दे रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि यहां तैनात इंजीनियर नियमित रूप से नगर में उपस्थित नहीं रहते। उपयंत्री सुभाष शर्मा बैतूल से प्रतिदिन अपडाउन करते हैं, वहीं अभियंता मनोज अग्रवाल घोड़ाडोंगरी से आवागमन करते हैं। इनकी स्थानीय उपस्थिति न होने से नगर के निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग सही ढंग से नहीं हो पा रही है। नगर पालिका के कार्यालय में आम नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं, लेकिन तकनीकी अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण उनके मुद्दों का समाधान समय पर नहीं हो पाता। निर्माण कार्य स्थल पर उपयंत्री मौजूद न होकर अक्सर कार्यालय में बैठकर माप पुस्तिका (एमबी) भरते हैं और कागजों में ही मूल्यांकन कर देते हैं। इससे वास्तविक स्थिति का आकलन नहीं हो पाता और कार्यों में अनियमितताएं बढ़ रही हैं। नागरिकों का कहना है कि इंजीनियर सिर्फ नाममात्र के लिए पदस्थ हैं, जबकि वे दूसरे शहरों से अपडाउन कर समय और ऊर्जा का नुकसान कर रहे हैं।
निर्माण कार्यों की गति और गुणवत्ता पर असर……………
नगर में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सड़क निर्माण, नाली, पाइपलाइन और अन्य विकास कार्यों की देखरेख करने वाले इंजीनियरों के अनुपस्थित रहने से कार्यों में लापरवाही साफ झलक रही है। आमला नगर पालिका के अंतर्गत कई जगहों पर नालियां अधूरी पड़ी हैं, तो कहीं सड़क का डामर समय से पहले ही उखड़ रहा है। नागरिकों ने आरोप लगाया है कि इंजीनियर सिर्फ फाइलों में हस्ताक्षर करने के लिए आते हैं और वास्तविक कार्यस्थलों पर शायद ही दिखाई देते हैं। यदि अधिकारी मौके पर रहकर निरीक्षण करें तो ठेकेदारों पर दबाव रहेगा और वे कार्य गुणवत्ता के साथ करेंगे। परंतु अपडाउन की इस व्यवस्था ने पूरा सिस्टम ढीला कर दिया है। कई बार शिकायतें ऊपर तक पहुंचने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। नगर की जनता का कहना है कि टैक्स और शुल्क समय पर जमा करने के बावजूद उन्हें सही सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
एसडीएम और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल………..
सबसे बड़ा सवाल यह है कि नगर पालिका के कार्यों पर निगरानी रखने वाले एसडीएम स्तर के अधिकारी भी इस पूरे मामले में सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे हैं। इंजीनियरों के अपडाउन की समस्या लंबे समय से चल रही है, लेकिन अब तक किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन यदि चाहे तो इंजीनियरों को मुख्यालय पर रुकने के लिए बाध्य कर सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होने से यह माना जा रहा है कि अधिकारियों को भी इस स्थिति की जानकारी होते हुए कोई फर्क नहीं पड़ता। आमला नगर के नागरिकों ने कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं, जनसुनवाई में मुद्दा उठाया, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला। जनता का कहना है कि यदि एसडीएम और वरिष्ठ अधिकारी समय पर हस्तक्षेप कर इंजीनियरों को मुख्यालय पर बैठने के आदेश दें, तो नगर पालिका के कार्यों में सुधार होगा। अन्यथा अपडाउन की यह प्रवृत्ति विकास कार्यों को और अधिक प्रभावित करती रहेगी और नागरिक समस्याओं से जूझते रहेंगे।