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अवैध रेत खनन पर सरकार सख्त, खनिज सचिव पी. दयानंद ने कलेक्टरों को दिए कड़े निर्देश

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अवैध खनन रोकने तथा निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए रेत की सुचारू आपूर्ति के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई। 

रायपुर। प्रदेश में रेत के अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण करने तथा बरसात से पहले निर्माण एवं विकास कार्यों के सुचारू संचालन के लिए रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख जिलों के कलेक्टरों एवं खनिज अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में रेत संबंधी गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की गई तथा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि रेत के अवैध खनन एवं परिवहन में संलिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। 

इस अवसर पर खनिज संचालक रजत बंसल भी उपस्थित थे। सचिव दयानंद ने कहा कि रेत के अवैध खनन एवं परिवहन को रोकने के लिए जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स के माध्यम से सतत निगरानी एवं सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व की हानि को रोकना शासन की प्राथमिकता है तथा इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सचिव दयानंद ने निर्देश दिए कि स्वीकृत रेत खदानों का संचालन पर्यावरण स्वीकृति में निर्धारित अनुमेय मात्रा के अनुसार वैधानिक रूप से किया जाए तथा खनिज राजस्व की समय पर वसूली सुनिश्चित की जाए। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि रेत का खनन एवं परिवहन केवल स्वीकृत खदानों से ही किया जाए तथा किसी भी अवैध स्रोत से आपूर्ति होने पर सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि आगामी तीन माह में अधिक से अधिक रेत खदानों का चिन्हांकन कर ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन हेतु निविदाएं जारी की जाएं। रेत की अधिक मात्रा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पांच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली खदानों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत करने के निर्देश भी दिए गए। पर्यावरण स्वीकृति के लंबित प्रकरणों की सतत समीक्षा एवं त्वरित निराकरण का दायित्व कलेक्टरों को सौंपा गया। 

इसके अलावा 10 जून से 15 अक्टूबर तक लागू खनन निषेध अवधि को ध्यान में रखते हुए स्वीकृत भण्डारण लाइसेंसों के माध्यम से रेत की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए अग्रिम योजना बनाने के निर्देश भी दिए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक रेत की आपूर्ति अधिकृत स्रोतों से ही हो, इस पर भी विशेष जोर दिया गया। सचिव श्री दयानंद ने यह भी स्पष्ट किया कि खनिज अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली में रेत प्रबंधन से संबंधित निर्देशों के अनुपालन को महत्वपूर्ण मूल्यांकन बिंदु के रूप में शामिल किया जाएगा।

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