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चॉकलेट की खेती करे और तीन साल में बनें धन्नासेठ, जानिए लागत और कमाई का समीकरण

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चॉकलेट की खेती करे और तीन साल में बनें धन्नासेठ, जानिए लागत और कमाई का समीकरण।

चॉकलेट की खेती क्यों?

जब भी चॉकलेट का नाम आता है तो बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इसे पसंद करता है। आज हम आपको चॉकलेट की खेती के बारे में बताएंगे। हमारे देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने काजू और कोको की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू की हैं। कोको से चॉकलेट बनाई जाती है, और इसकी डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

कहां और कैसे होती है कोको की खेती?

भारत में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कोको की खेती बड़े पैमाने पर होती है। कोको की खेती बीजों के जरिए की जाती है। कोको के फल पपीते जैसे दिखते हैं और इनमें 40-50 बीज होते हैं, जिनसे पाउडर बनाया जाता है।

खेती की तैयारी

कोको के पौधे लगाने से पहले खेत की मिट्टी को दो बार गहराई से जोतें। इसके बाद 200-250 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति हेक्टेयर में डालकर मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें। फिर खेत को समतल कर गड्ढे तैयार करें। पौधों को 4-4 मीटर की दूरी पर लगाएं। पौधों में 3-4 दिन के अंदर फल दिखाई देने लगेंगे।

लागत और कमाई

कोको की खेती में 25-30 हजार रुपये की लागत लगती है। इसे 1-2 एकड़ में उगाने से आपको 50-70 हजार रुपये का फायदा होगा। प्रति एकड़ 200-250 पौधे लगाए जा सकते हैं। आजकल बाजार में चॉकलेट की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे इस खेती से करोड़पति बनने का सपना पूरा हो सकता है।

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