ऑनलाइन फूड डिलीवरी सर्विस देने वाली कंपनी जोमैटो अब 10 मिनट में आपके पास खाना पहुंचाएगी। कंपनी के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉग के जरिए इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, कंपनी के इस कदम को लेकर कई विवाद भी शुरू हो गए हैं। लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि यह बिल्कुल बेतुकी सर्विस है। इससे डिलीवरी करने वालों पर बेकार का दबाव बढ़ेगा।
10 मिनट में फूड डिलीवरी की तैयारी भी पूरी
गोयल ने बताया बड़े फिनिशिंग स्टेशनों के नेटवर्क पर जल्दी डिलीवरी करने का वादा निर्भर करेगा, जो अधिक डिमांड वाले ग्राहकों वाले इलाकों के करीब स्थित होगा। कंपनी इसे सुनिश्चित करने के लिए डिश-लेवल डिमांड प्रेडिक्शन एल्गोरिदम और इन-स्टेशन रोबोटिक्स पर भी बहुत ज्यादा निर्भर होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि डिलीवरी पार्टनर की तरफ से चुने जाने पर खाना ताजा और गरमा-गरम हो।
10 मिनट डिलीवरी को सेफ बताया
गोयल ने सोशल मीडिया पर ये भी बताया कि उनकी 10 मिनट डिलीवरी सर्विस 30 मिनट डिलीवरी सर्विस की तरह सेफ रहेगी। सभी डिवीवरी बॉय को रोड सेफ्टी को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें रोड सेफ्टी और लाइफ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर बन रहे मीम



जोमैटो की 10 मिनट डिलीवरी सर्विस पर उठे ये सवाल
डिलीवरी बॉय की जान को जोखिम: कार्ति चिदंबरम
जोमैटो इस नई सर्विस से ग्राहकों को खुश करना चाहता है, लेकिन इसका विरोध भी होने लगा है। रेस्टोरेंट फेडरेशन भी जोमैटो की इस नई सुविधा को सही नहीं मान रहा है। सासंद कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि यह बिल्कुल बेतुकी सर्विस है। इससे डिलीवरी करने वालों पर बेकार का दबाव बढ़ेगा, जो ना तो कंपनी के कर्मचारी हैं ना ही उन्हें कोई फायदा या सिक्योरिटी मिलती है। उनके पास तो जोमैटो से बार्गेनिंग करने की ताकत भी नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि डिलीवरी टाइम 10 मिनट का रखकर डिलीवरी बॉय की जान को भी खतरा हो जाएगा।
सड़क पर चलने वालों के लिए भी खतरा : सुहेल सेठ
एक्टर और लेखक सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जोमैटो की तरफ से 10 मिनट का डिलीवरी ऑफर खतरनाक और अनावश्यक है। इससे दोनों राइडर और सड़क पर मौजूद लोगों के लिए खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इसे टाला जा सकता है। इतनी भी जल्दी नहीं है और न ही कोई ऐसा मूर्ख होगा, जो 10 मिनट पहले सोचे कि उसे 10 मिनट बाद क्या खाना है।
30 मिनट के इंतजार में समस्या नहीं : प्रियंका चतुर्वेदी
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी डिलीवरी एजेंटों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने लिखा कि यह प्रेशर खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि किसी को भी फूड डिलीवरी के लिए 30 मिनट का इंतजार करने में कोई समस्या नहीं होगी। वैसे भी अगर इस टाइम में खाना डिलीवर नहीं हुआ तो दुनिया खत्म नहीं होने वाली। 10 मिनट की डिलीवरी से दुनियाभर के लोग खुश नहीं होंगे।