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“अयोध्या में बोले योगी: हनुमान की तरह पहचानो कालनेमि, रामराज्य का युग शुरू”

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CM Yogi in Ayodhya : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रीराम की नगरी अयोध्या में विपक्ष, आतंकवाद और पाकिस्तान पर तीखे तेवर दिखाते हुए कहा- ‘हमें समय रहते मित्र और शत्रु की पहचान करनी होगी। जैसे हनुमान जी ने चतुराई और विवेक से कालनेमि को पहचान लिया था, वैसे ही आज के कालनेमि को भी पहचानने की जरूरत है। पाकिस्तान 75 साल बहुत जी चुका, अब उसका समय समाप्ति की ओर है। वह अपने ही कर्मों से नष्ट हो जाएगा।’

सीएम योगी शुक्रवार को हनुमानगढ़ी में नवनिर्मित 5000 क्षमता वाले ‘हनुमत कथा मंडपम’ के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले संत जब देश में कहीं जाते थे, तो सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन आज अयोध्या का नाम सुनते ही लोगों के मन में श्रद्धा और सम्मान उमड़ आता है।

हनुमानगढ़ी में सीएम का भव्य स्वागत, मिला चांदी का मुकुट और गदा

हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास महाराज ने मुख्यमंत्री योगी का चांदी का मुकुट और गदा देकर स्वागत किया। सीएम ने हनुमानगढ़ी पीठ और उससे जुड़े सभी संतों को धन्यवाद देते हुए कहा- “इन्होंने एक-एक पाई बचाकर कथा मंडप जैसा विशाल परिसर खड़ा किया। आज श्रीराम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी और सरयू तट- इन तीन स्थलों को बिना देखे कोई अयोध्या से नहीं लौटता।’

हनुमत कथा मंडपम की विशेषताएं

  • 17 हजार वर्ग फीट में फैला विशाल सभागार
  • एक साथ 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था
  • 1000 वर्ग फीट का मंच, जिसके पीछे भव्य राम दरबार
  • प्रवेश द्वार पर हनुमंत लला की दिव्य प्रतिमा
  • उत्तर-दक्षिण कोनों पर जगतगुरु रामानंदाचार्य की प्रतिमा और धनुष-बाण

शहीदों के परिजनों को 50 लाख, नौकरी और स्मारक: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पूर्वोत्तर सीमा पर शहीद हुए लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए ऐलान किया कि यूपी सरकार शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और शहीद के नाम पर स्मारक बनवाकर उनका सम्मान करेगी।

राम मंदिर निर्माण- 500 साल के अंधकार का अंत

सीएम योगी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा भव्य मंदिर 500 वर्षों के संघर्ष का प्रतिफल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संकल्प का वास्तविक वाहक बताया और कहा- “यह काम पहले की सरकारों के बस का नहीं था। हमारे गुरुओं-महंत अवैद्यनाथ, अशोक सिंहल, दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्र दास जी महाराज- सभी के अथक प्रयास से आज रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं।’

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