26 जुलाई को हरितालिका तीज का त्यौहार है. हरितालिका तीज का व्रत सुहागिन और अविवाहित महिलाएं पूरे विधि-विधान के साथ करती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती के आशीर्वाद से अखंड सौभाग्य और दांपत्य सुख की कामना करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत से पति की दीर्घायु और विवाह योग्य कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है. ऐसे में पूजा की थाली का सुसज्जित होना बहुत आवश्यक माना गया है. इसमें हर वह सामग्री शामिल होनी चाहिए जो देवी-देवताओं को प्रिय हो और पूजा-व्रत को पूर्णता प्रदान करे.
जानिए पूजा की थाली में होनी चाहिए कौन सी चीजें
कि तीज के दौरान पूजा की थाली में सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर के लिए फूल और माला होनी चाहिए. इसके अलावा बेलपत्र, धतूरा, आकड़े के फूल, चंदन, रोली, अक्षत और गंगाजल भी होना चाहिए. व्रती महिलाएं थाली में लाल-सफेद चुनरी, सुहाग का सामान जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी और आलता भी लेकर पूजा शुरू करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि शिव-पार्वती को अर्पित करने के लिए फल, मौसमी मिठाई, पान के पत्ते और नारियल शामिल करना आवश्यक है. चूंकि यह व्रत निर्जला होता है, इसलिए पूजा की थाली में जल से भरा कलश और दूध-दही-घी जैसे पंचामृत के घटक भी रखे जाते हैं. यह सब सामग्री भगवान को अर्पण कर व्रती महिलाएं अपनी पूजा को संपूर्ण बनाती हैं.
इन चीजों का होना भी है आवश्यक
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरितालिका तीज की पूजा थाली में दीपक और धूप का होना भी अनिवार्य है, क्योंकि इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही थाली में एक छोटे पात्र में शहद और शक्कर भी रखना चाहिए, जिसका प्रयोग पंचामृत बनाने में किया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर घर में मौसमी फल जैसे केला, अमरूद या सेब उपलब्ध हों तो उन्हें भी थाली में अवश्य रखा जाए. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सुसज्जित पूजा थाली के साथ हरितालिका तीज का व्रत करने से महिलाओं को सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
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